औद्योगिक पैकेज के बिना इन्वेस्टर मीट का लाभ नहीं
विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि हिमाचल को उत्तर पूर्वी राज्यों की तर्ज पर औद्योगिक पैकेज मिलना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में उद्योगों की स्थापना कहां से होगी, जब लंगड़ा पैकेज दिया गया है। उत्तर-पूर्वी राज्यों की तर्ज पर हिमाचल को औद्योगिक पैकेज मिलने से ही फायदा होगा। वहीं इन्वेस्टर मीट पर करोड़ों रुपये खर्च करने का भी तभी लाभ मिलेगा। जयराम सरकार विदेश का दौरा कर उद्योगों को हिमाचल में लाने का प्रयास कर रही है, लेकिन जब तक केंद्र पर औद्योगिक पैकेज देने का दबाव नहीं बनाया जाता है तब तक औद्योगिक घरानों का यहां आना मुश्किल है। यह बात विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला में पत्रकारों से बातचीत में कही।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में लगे उद्योगों में से कुछ क्षमता से कम उत्पादन कर रहे हैं। इससे नुकसान हो रहा है और हिमाचलियों को उद्योगों से छटनी कर बाहर निकाला जा रहा है। उत्तर-पूर्व की तर्ज पर औद्योगिक पैकेज मिलने से हिमाचल में लगने वाले उद्योगों को कई रियायतें मिलेंगी। अभी केवल पूंजी निवेश पर 30 फीसद रियायत, ब्याज पर तीन फीसद सब्सिडी व बीमा रियायत ही मिल रही है। केंद्रीय औद्योगिक पैकेज के तहत जीएसटी रिफंड, इनकम टैक्स रिफंड, ट्रांसपोर्ट सब्सिडी व इंप्लायमेंट की रियायत भी मिल रही है। अब तो प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकारें हैं। ऐसे में चारों सांसदों को भी इसके लिए केंद्र पर दबाव बनाना चाहिए।
औद्योगिक पैकेज से मिलेंगी रियायतें
-उद्योगपति जीएसटी के तहत जितना भी सीजीएसटी व आइजीएसटी अदा करेंगे वह केंद्र सरकार रिफंड करेगी।
-रेलवे व पानी के रास्ते सामान के आयात-निर्यात पर 20 फीसद और हवाई मार्ग पर 33 फीसद ट्रांसपोर्ट सब्सिडी मिलेगी।
-कर्मचारियों के ईपीएफ में उद्यमियों की हिस्सेदारी में 3.67 फीसद अतिरिक्त भुगतान केंद्र करेगा। 8.33 फीसद हिस्सेदारी का भुगतान केंद्र कर रही है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप