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जेटली के निधन पर सदन ने जताया शोक, कार्यवाही स्थगित

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली के निधन पर हिमाचल प्रदेश सदन ने भी शोक जताया। परंपराओं से हटकर सदन के नेता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शोक प्रस्ताव पेश किया और विपक्ष ने इस पर सहमति जताई। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिदल ने नई व्यवस्था दी। इसके मुताबिक अब सत्र के दौरान किसी महान व्यक्ति का निधन होने पर राष्ट्रीय या राजकीय शोक प्रकट किया गया हो तो सदन की सहमति ने शोक उद्गार प्रस्तुत किया जा सकता है। साथ ही सहमति से कार्यवाही स्थगित की जा सकती है। इसी व्यवस्था के तहत सोमवार की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित की गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 06:02 PM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2019 06:02 PM (IST)
जेटली के निधन पर सदन ने जताया शोक, कार्यवाही स्थगित

राज्य ब्यूरो, शिमला : पूर्व वित्त मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के निधन पर हिमाचल प्रदेश सदन ने भी शोक जताया। परंपराओं से हटकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शोक प्रस्ताव पेश किया जिस पर विपक्ष ने भी सहमति जताई। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिदल ने नई व्यवस्था दी।

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नई व्यवस्था के मुताबिक अब सत्र के दौरान किसी महान व्यक्ति का निधन होने पर राष्ट्रीय या राजकीय शोक प्रकट किया गया हो तो सदन की सहमति ने शोक उद्गार प्रस्तुत किया जा सकता है। साथ ही सहमति से कार्यवाही स्थगित की जा सकती है। इसी व्यवस्था के तहत 26 अगस्त की विधानसभा कार्यवाही 27 अगस्त सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित की गई। जेटली से कई यादें जुड़ी : जयराम

शोक प्रस्ताव के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अरुण जेटली का हिमाचल प्रदेश से निकट संबंध था। उनसे प्रदेश की कई यादें जुड़ी हुई हैं। जयराम के मुताबिक जब वह मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने जेटली से शिष्टाचार भेंट की थी। उस दौरान उन्होंने गाइड किया कि प्रदेश में कैसे काम करना है। हिमाचल को विशेष औद्योगिक पैकेज दिलाने में जेटली ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के समक्ष इस मामले की जोरदार पैरवी की थी। उन्होने हिमाचल से संबंधित कई मामलों की हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में प्रमुखता से पैरवी की थी।

अरुण जेटली के लिए शोक प्रकट करने में कांग्रेस विधायक दल भी सम्मिलित हुआ। जब मैं मंत्री था तो हिमाचल को शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल होने का पुरस्कार जेटली के हाथों मिला था। वह हिमाचली हितों के प्रति काफी गंभीर थे।

मुकेश अग्निहोत्री, नेता प्रतिपक्ष वर्ष 2014 में आम चुनाव के बाद मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ था। नई दिल्ली में मेरा, जीएस बाली और रोहित ठाकुर का जेटली से मिलना हुआ। उन्होंने जीएस बाली को देखकर जोर से आवाज लगाई थी, 'क्यों दूर बैठो हो'। उन्होने कहा था कि कांग्रेस ने दस साल तक केंद्र में सरकार चलाई लेकिन वह जनता की भावनाओं को नहीं समझ पाई। भाजपा ने जनभावना समझी, इसलिए वह सत्ता में आई।

सुखविदर सुक्खू, कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष जेटली के योगदान को भुलाया नहीं जा सकेगा। माकपा और मैं जेटली के निधन पर शोक प्रकट करता हूं। शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना है। जेटली एक योग्य व्यक्ति थे।

राकेश सिघा, माकपा विधायक मेरा भी जेटली से मिलना हुआ था। बतौर मंत्री मैं विश्व बैंक से जुड़े इंटेग्रेटेड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को ड्रॉप करने से बचाने के लिए केंद्रीय मंत्री के पास गया था। उन्होंने बेहतर तरीके से प्रतिक्रिया दी थी।

गोविद ठाकुर, वन मंत्री भारत में अरुण जेटली जैसी शख्सियत और पैदा हों ताकि देश आगे बढ़े। भारत उनके विचारों को आगे बढ़ाता रहे।

डॉ. राजीव बिदल, विधानसभा अध्यक्ष

राज्य विधानसभा के वर्ष 2017 में हुए चुनाव के लिए घोषणापत्र को जेटली ने जारी किया था। उनके प्रति सभी दलों में एक समान सम्मान था। वह सभी से मित्रता का भाव रखते थे।

सुरेश भारद्वाज, संसदीय कार्यमंत्री

----- क्या है परंपरा

अभी तक परंपरा रही है कि पिछले सत्र और मौजूदा सत्र के बीच जिस नेता की मौत हो गई हो, उनके लिए सदन में शोक उद्गार प्रस्ताव लाया जाता है। दो सत्रों के बीच दिवंगत हुए नेता के निधन पर सदन में शोक जताया जाता है। लेकिन अरुण जेटली के मामले में लीक से हटकर प्रस्ताव लाया गया। जेटली का निधन 24 अगस्त को होने पर प्रस्ताव चालू सत्र के दौरान सोमवार को पेश किया गया।


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