जनमंच पर जयराम व मुकेश अग्निहोत्री में तीखी नोकझोंक
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के बीच तीखी नोकझोंक हुई। सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच शोरशराबा हुआ।
शिमला, राज्य ब्यूरो। जनता की समस्याओं का समाधान करने का जरिया बने जनमंच पर सोमवार को सदन गरमाया। इसके आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के बीच तीखी नोकझोंक हुई। सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच शोरशराबा हुआ। मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि मुकेश का 'टेंपरामेंट लूज' ही रहता है। उन्होंने विपक्षी सदस्यों के तौर- तरीके पर सवाल उठाए।
कांग्रेस विधायकों ने जनमंच की तुलना पूर्व सरकार के कार्यकाल में शुरू प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम से की। इस पर जयराम ठाकुर ने आपत्ति जताई। मूल सवाल रामपुर के विधायक नंदलाल ने पूछा था कि प्रदेश में जनमंचों पर कितनी राशि खर्च हो रही है। क्या सरकार विधानसभा क्षेत्रों में ऐसे ही कार्यक्रम विधायकों के लिए भी चलाएगी और क्या उसका खर्च भी सरकार वहन करेगी? मेरे मित्रों को जनमंच से परेशानी मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे मित्रों को जनमंच से परेशानी है। अभी तो जिला मुख्यालयों में भी जनमंच होंगे।
खोदने से कुछ नहीं मिलेगा। सरकार जनमंच में आए लोगों, अधिकारियों व कर्मचारियों को सादा भोजन देगी। जो भोजन आम आदमी के लिए पकता है, वही मंत्री व अधिकारियों को परोसा जाता है। इसमें जनता के पैसों का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा। न उगलते बन रहा, न निगलते। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जनमंच सरकार के गले में फंस गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विपक्ष के गले में फंसा है, न उगलते बन रहा है और न निगलते। उन्होंने कांग्रेस विधायक के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें कहा गया था कि ऐसे ही कार्यक्रम प्रशासन जनता के द्वार भी थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार का कार्यक्रम और जनमंच में जमीन आसमान का अंतर है। लेकिन उनमें भी खर्च होता था। इस पर मुकेश समेत कांग्रेस विधायक खड़े हो गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अरे भाई, आप बैठ जाइए। उपाध्यक्ष महोदय, आपने बोलने की अनुमति दी है तो रोकने का कौन सा तरीका है? मुकेश ने कहा कि सीएम साहब टेंपरामेंट लूज कर गए हैं। 95 जनमंचों पर 1.61 करोड़ रुपये खर्च ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि 95 जनमंचों पर एक करोड़ 61 लाख 37 हजार रुपये खर्च हुए हैं।
यह खर्च 15 जनवरी तक का है। इसके बाद 11 जनमंच और हुए हैं जिनके बिल अभी नहीं आए हैं। एक जनमंच पर दो लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। हालात को देखते हुए ज्यादा लोगों के आने पर इसमें ज्यादा पैसा खर्च हो सकता है। विधायकों के लिए भी ऐसे कार्यक्रम होंगे या नहीं, इस संबंध में मुख्यमंत्री के आदेश का पालन किया जाएगा। कांग्रेस विधायक जगत ¨सह ने सवाल उठाया कि क्या इन खर्चो का ऑडिट होगा।