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गांवों के विकास से ही विकसित होंगे शहर: पूर्व मुख्यमंत्री धूमल

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल दैनिक जागरण के बनोई स्थित प्रेस परिसर में संपादकीय विभाग के सदस्यों से हर मुद्दे पर खुलकर बातचीत की।

By BabitaEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 10:52 AM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 10:52 AM (IST)
गांवों के विकास से ही विकसित होंगे शहर: पूर्व मुख्यमंत्री  धूमल
गांवों के विकास से ही विकसित होंगे शहर: पूर्व मुख्यमंत्री धूमल

शिमला, जेएनएन। गांवों का विकास होगा तो शहर अपने आप विकसित हो जाएंगे। गांवों के विकास से शहरों में व्यवस्थाएं भी व्यवस्थित रहेंगी। गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार की बेहतर सुविधाएं होनी बहुत जरूरी हैं। यह कहना है वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का। धूमल ने दैनिक जागरण के बनोई स्थित प्रेस परिसर में संपादकीय विभाग के सदस्यों से हर मुद्दे पर खुलकर बातचीत की। उनका कहना था कि मैं कई दिन से जागरण टीम से मिलना चाह रहा था। कई दिन के प्रयास के बाद अब मिल पाया हूं। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश :

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’लोकसभा चुनाव निकट हैं, क्या परिदृश्य बन रहा है?

-लोकसभा चुनाव में हालात बिल्कुल अलग होंगे। इनमें पूरी तरह से राष्ट्रीय परिदृश्य काम करेगा। एक तरफ नरेंद्र भाई मोदी हैं तो दूसरी तरफ प्रश्नवाचक है। यानी अभी तक कोई तय ही नहीं है। पांच साल में मोदी सरकार ने बेहतर काम किया है। वन रैंक वन पेंशन मोदी सरकार ने लागू की। इसे सबसे पहले मैंने लोकसभा में उठाया था। जिस पूर्व सैनिक को सात हजार पेंशन मिलती थी, अब वह 30 हजार से ज्यादा ले रहा है। उज्ज्वला और जनधन योजना से गरीबों को लाभ पहुंचा है। देश में 32.31 करोड़ नए खाते खुले हैं। सबसिडी ऑनलाइन आ रही है। एक तरह से मूक क्रांति आई है देश में। इंदिरा गांधी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर गरीबों की मसीहा बनी थीं। इस संदर्भ में जो छवि कभी इंदिरा की थी, वही अब नरेंद्र भाई मोदी की है। स्टार्टअप जैसी योजनाएं शुरू हुई हैं। आयुष्मान भारत विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है। पांच लाख का बीमा हो रहा है। इससे 55.81 करोड़ लोगों को लाभ मिला है। सरकार पर विश्वसनीयता बढ़ी है। पिछली बार वादे पर जीते थे, अब काम पर जीतेंगे।

’संसदीय प्रत्याशियों के टिकट पर क्या कहेंगे?

-किसी भी प्रत्याशी का टिकट उसके व्यक्तित्व पर, राजनीतिक हालात पर निर्भर करता है, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी ही करती है। मंडी को लेकर आए बयान पर प्रदेश अध्यक्ष ने बाद में स्थिति स्पष्ट कर दी है। मंडी में नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है। 

’ कांगड़ा घाटी रेललाइन को ब्रॉडगेज न करने का विरोध हो रहा है, प्रदेश रेल विकास में देश से पीछे क्यों रह गया?

-नैरोगेज लाइनों को ब्रॉडगेज नहीं करने का फैसला बहुत पुराना है। कांगड़ा रेललाइन को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। हम पठानकोट से मंडी रेललाइन को रक्षा की दृष्टि से विकसित करना चाहते हैं। यही स्थिति बिलासपुर-मनाली-लेह रेललाइन को लेकर है। केंद्र ने इस लाइन को महत्वपूर्ण माना है। अगर ये रेललाइन विकसित होती हैं तो पर्यटकों के लिए भी सुविधा रहेगी। प्रदेश में हवाई सेवाएं कम हैं। वैसे भी हर पर्यटक हवाई सफर नहीं कर सकता। ऐसे में ट्रेन का सफर सबके लिए सस्ता और सुहाना हो सकता है। इससे सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होगा और पर्यावरण को भी बचाया जा सकेगा।

’ हिमाचल पर 50 हजार करोड़ का कर्ज है। पिछले दिनों योजना आयोग के उपाध्यक्ष रमेश धवाला ने सुझाव दिया था कि अगर प्रदेश में सरकारी जमीन से खैर के पेड़ काटने की अनुमति दी जाए तो प्रदेश कर्जमुक्त हो सकता है? आपका क्या मानना है?

-अगर हम एक बार ही खैर के सारे पेड़ काट देंगे तो इससे भी काम नहीं चलेगा। देखना होगा जमीनी हकीकत क्या है। बड़ा सवाल यह है कि हम कर्ज ले क्यों रहे हैं? हमने पांच साल में 6672 करोड़ रुपये कर्ज लिया था। 1998 में 1964 स्कूल ऐसे थे जिनमें एक भी कमरा नहीं था, 2200 स्कूलों में सिर्फ एक कमरा था। हमने तय किया कि हर स्कूल को तीन पक्के कमरे दिए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश में 13672 कमरों की जरूरत थी। इसके लिए 126 करोड़ का एस्टीमेट बनाया और नाबार्ड भेजा। नाबार्ड ने शिमला में यह प्रस्ताव रद कर दिया, हमने नाबार्ड के हेड आफिस भेजा। उसके बाद इसे मंजूरी मिली। मैंने 15 अप्रैल, 1999 को राजगढ़ में पहले कमरे का शिलान्यास किया था। तीन साल में ये कमरे तैयार हुए। नाबार्ड से ऐसी और योजनाएं भेजने को कहा गया। बच्चों पर बस्तों का बोझ कम करने की पहल मेरी सरकार ने की थी। ज्वालाजी मंदिर से निकलते समय एक बच्चे ने मेरा कुर्ता खींच कर मुझे कहा था कि हमारी पीठ का बोझ कब कम होगा। उसके बाद इस दिशा में काम शुरू हुआ। आठवीं तक फेल न करने की नीति ठीक नहीं है, मैं इसका शुरू से विरोधी रहा हूं।

’कांग्रेस चार्जशीट बना रही है, कहीं चार्जशीट का ट्रेंड तो नहीं बन रहा?

-(हंसते हुए) जब कांग्रेस की चार्जशीट आएगी, उसे देखकर ही कुछ कहा जा सकता है। हमने जब चार्जशीट बनाई थी तो साफ कहा था कि जो भी आरोप लगाएगा, उसके साथ प्रूफ भी देगा तभी उसे चार्जशीट में शामिल किया जाएगा।

’ सांसद अनुराग ठाकुर की तैयारी कैसी चल रही है?

-दिन-रात दौड़े हैं। पिछले दिनों झंडूता, धर्मपुर, सुजानपुर, कुटलैहड़ और ऊना का दौरा कर चुके हैं। शाम को दिल्ली निकले। वहां से विदेश जाना है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश आ गए हैं कि दिल्ली बैठो और संसद सत्र की तैयारी करो।

’ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पिछले दिनों कहा था कि बुजुर्गों को सरकार के काम में दखल नहीं देना चाहिए। किस तरफ था इशारा?

-युवा सरकार काम कर रही है, उसे काम करने दें। भाजपा सरकार ने 32 नई योजनाएं शुरू की हैं। प्रयास बढ़िया है, अब देखना होगा कि इनका क्या परिणाम आता है।

’ इतनी व्यस्तता के बावजूद आपके चेहरे पर कभी शिकन नहीं दिखती?

उनको देखकर आ जाती है चेहरे पर रौनक वो समझते हैं बीमार का हाल अच्छा है। हमेशा लोगों के सुख-दुख में शरीक होता हूं। हर परिस्थिति में खुद को शांत रखता हूं। 

’विपक्ष जयराम ठाकुर पर मंडी जिला का ही मुख्यमंत्री होने का आरोप लगा रहा है कितना दम है आरोपों में?

देखिए, विरोध करने वाले कर रहे हैं। उनके पास कुछ नहीं भी होगा तब भी वे कुछ बोलेंगे, वहीं कर रहे हैं। विपक्ष जो कर रहा है, उसे करने दो। सरकार सही दिशा में काम कर रही है। अभी 20 नंबर का पर्चा हल किया है। प्रयास अच्छे हैं। 80 नंबर का पेपर शेष है। शुरुआत अच्छी है तो अंजाम भी  अच्छा ही होगा। 


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