साहब! अच्छे नहीं ये दाग
हिमाचल के दागी अफसरों पर सरकार ने जांच का कड़ा शिकंजा कस दिया है।
रमेश सिंगटा, शिमला
हिमाचल के दागी अफसरों पर सरकार ने जांच का कड़ा शिकंजा कस दिया है। अफसरशाही पर लगे 66 दाग में से 20 की विभागीय जांच पूरी हो गई है। इसका खुलासा दैनिक जागरण के माध्यम से मांगी गई सूचना का अधिकार कानून (आरटीआइ) से हुआ है। इससे पता चला है कि 12 अधिकारी आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं जबकि 54 अफसरों पर सीसीएस (सीसीए) रूल्स 1965 के तहत विभागीय कार्रवाई हो रही है। विभागों ने इन्हें चार्जशीट किया था।
जांच के बाद चार अधिकारियों को संदिग्ध आचरण वालों (ओडीआइ) की सूची से बाहर किया गया। चार अफसरों के खिलाफ जांच ड्रॉप या निरस्त की गई है। एक अधिकारी के खिलाफ जांच वापस ली गई जबकि छह अफसरों पर आरोप साबित नहीं हो पाए। चार अधिकारियों पर पेनल्टी लगाई गई है जबकि पांच अन्य पर आरोप साबित हुए। इनके खिलाफ जांच ड्रॉप
बीडी शर्मा, जिला कृषि अधिकारी, कार्यालय उप कृषि निदेशक मंडी
इनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज हुआ था। 2010 से जांच लंबित थी। अधिकारी को रूल 14 के तहत चार्जशीट किया था। इस साल मई में आरोपों को ड्रॉप किया गया। सुंदरनगर की एक अदालत ने भी इन्हें दोषमुक्त करार दिया। -बीडीओ सुषमा कुमारी : तीन फरवरी 2014 को चार्जशीट किया गया था। 25 अप्रैल 2014 को अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण विकास को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। इस साल 23 फरवरी को जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। सात मई को अनुशासनात्मक अॅथारिटी ने अधिकारी को आरोपमुक्त कर दिया। -बीडीओ लोतम राम : तीन फरवरी 2014 को चार्जशीट किया गया। इनकी जांच अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण विकास विभाग ने की। जांच के आधार पर चार्जशीट ड्रॉप की गई है। -बीडीओ शशिपाल : छह जनवरी 2016 को चार्जशीट किया गया। 20 फरवरी 2016 में उप नियंत्रक वित्त एवं लेखा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। जांच के आधार पर चार्जशीट ड्रॉप की गई है। आरोप साबित नहीं हुए
-तहसीलदार रैंक के अधिकारी रघुवीर सिंह को नौ नवंबर 2015 को चार्जशीट किया गया था। इस साल 13 मार्च को एडीएम कुल्लू को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। जांच में आरोप साबित नहीं हो पाए। एसोसिएट प्रोफेसर इतिहास राजेश चौहान भी चार्जशीट हुए थे। इनके खिलाफ भी आरोप साबित नहीं हो पाए।
-तहसीलदार राजकुमार को 16 सितंबर 2016 को चार्जशीट किया गया था। सोलन के एडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। जांच के दौरान कोई भी आरोप साबित नहीं हो पाया। सहायक जिला न्यायवादी प्रवीण ठाकुर भी चार्जशीट किए गए थे। जांच में इन्हें क्लीन चिट मिली। -एसपी कल्याण भगत सिंह ठाकुर, डीएसपी सीआइडी नरवीर सिंह राठौर दोनों हत्या के एक मामले में जांच में लापरवाही बरतने को लेकर चार्जशीट किए गए थे। जांच अधिकारी आइजी सीआइडी दलजीत सिंह ठाकुर ने जांच में दोनों अफसरों को क्लीन चिट दे दी।