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1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट में बदलाव

विश्व बैंक ने 1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट को रिस्ट्रक्चर कर दिया और एक माह के अंदर इसे लागू कर दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 06:14 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 06:20 AM (IST)
1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट में बदलाव
1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट में बदलाव

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला

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विश्व बैंक ने 1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट में बदलाव कर दिया है और इसे एक माह के अंदर लागू कर दिया जाएगा। विश्व बैंक की तकनीकी टीम के बाद अब पूरा मिशन आएगा और प्रोजेक्ट को लागू करवाएगा। विश्व बैंक ने 1134 करोड़ रुपये के बागवानी प्रोजेक्ट में हिमाचल सरकार को झटका देते हुए उप उष्णकटिबंध (सबट्रोपिकल) के 4500 हेक्टेयर क्षेत्र को बाहर कर दिया है। इसके बाद अब आठ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ही प्रोजेक्ट की राशि खर्च की जाएगी।

विश्व बैंक की तकनीकी टीम ने 1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट को तीन दिन तक शिमला में रिव्यू किया। दौरान फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन की अर्थशास्त्री एम कूंडूज और अरविद झांब ने रिकार्ड को जांचने के साथ किया गए कार्यो की समीक्षा की। पूर्व कांग्रेस सरकार के समय 2016 में मंजूर इस बागवानी परियोजना को 2023 तक पूरा करना है। तकनीकी टीम ने प्रोजेक्ट में से दस फीसद तक राशि खर्च करने पर नाखुशी जताई और इस दिशा मेंप्रगति करने को कहा है। तकनकी टीम ने बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से भी मुलाकात कर प्रोजेक्ट पर चर्चा की। विश्व बैंक का रिव्यू मिशन दिसंबर में आएगा और रीस्ट्रक्चर को लागू किया जाएगा।

प्रोजेक्ट में यह किए बदलाव

-अन्य एजेंसियों से विकसित की जा रही कृषि विपणन मंडियों पर विश्व बैंक के प्रोजेक्ट का पैसा खर्च नहीं होगा।

-केवल सात कृषि विपणन मंडियों पर होगी राशि खर्च।

-सबट्रोपिकल एरिया पर इसकी राशि व्यय नहीं होगी।

-क्लस्टर का आकार 12.5 हेक्टेयर से घटाकर पांच हेक्टेयर किया।

-सेब, चेरी, नाशपाती, आड़ू, खुमानी, प्लम को विकसित करने के लिए खर्च होगी राशि।

-तीन वर्ष के दौरान जिन कार्यो के लिए भूमि नहीं मिली उन पर पैसा खर्च नहीं होगा।

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1134 करोड़ के बागवानी परियोजना के ढांचे में बदलाव किया जा रहा है। इसके एक माह में लागू होने की उम्मीद है। सबट्रोपिकल क्षेत्र को इसमें से हटाया गया है। जब विश्व बैंक की टीम आएगी तो रीस्ट्रक्चर को लागू किया जाएगा। अभी बैंक की तकनीकी टीम ने प्रोजेक्ट की समीक्षा की है।

-देब श्वेता बनिक, परियोजना निदेशक बागवानी प्रोजेक्ट।


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