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आरोपित की तलाश में सीबीआइ की दबिश

हिमाचल पुलिस के माध्यम से मंडी में दर्ज किए गए चरस के झूठे मामले में सीबीआइ ने आरोपित मंजीत को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब और हरियाणा में कई ठिकानों पर छापेमारी की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 08:22 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 06:42 AM (IST)
आरोपित की तलाश में सीबीआइ की दबिश
आरोपित की तलाश में सीबीआइ की दबिश

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल पुलिस के माध्यम से मंडी में दर्ज किए गए चरस के झूठे मामले में सीबीआइ ने आरोपित मंजीत को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब और हरियाणा में कई ठिकानों पर दबिश दी। सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई शनिवार देर रात तक चली। आरोपित केस का सूत्रधार बताया जा रहा है। उसे प्रदेश हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली है। इसी मामले में प्रदेश पुलिस के सात कर्मचारी भी आरोपित हैं। आरोप है कि पुलिस वालों ने बीस लाख रुपये ऐंठने के लिए झूठा केस दर्ज किया था। पुलिस ने सातों आरोपितों पर कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने के लिए अभियोजन मंजूरी दे दी है। इसमें मंडी के तत्कालीन चौकी प्रभारी, थाना प्रभारी भी शामिल हैं। चार्जशीट दायर करने से पहले सीबीआइ मंजीत को गिरफ्तार करना चाहती है। वह हरियाणा का रहने वाला है। यह है मामला

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करीब डेढ़ वर्ष पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मंडी जेल का निरीक्षण किया। विचाराधीन बंदी रवि ने शिकायत दर्ज करवाई कि उसे एनडीपीएस एक्ट के तहत झूठे मामले में साजिश के तहत फंसाया गया है। रवि के पिता ने भी शिकायत दर्ज करवाई कि हरियाणा निवासी मंजीत और हिमाचल पुलिस में काम कर रहे एएसआई राम लाल व आरक्षी प्रदीप कुमार ने षड्यंत्र रचकर उसके बेटे को एनडीपीएस के झूठे केस में फंसाया। मंजीत ने दो दिन तक रवि के पिता को फोन कर उनसे 20 लाख रुपये की मांग कर ब्लैकमेल किया। पैसा देने से इन्कार करने पर रवि और रोशन लाल को झूठा फंसा दिया। रोशन हिमाचल का रहने वाला है।

बॉक्स- कब क्या हुआ

-मंडी पुलिस ने 23 जनवरी 2016 को रवि और रोशन के खिलाफ चरस का केस दर्ज किया

- पुलिस ने एक किलोग्राम से अधिक चरस रखने का लगाया आरोप

- आरोपित के पिता ने पुलिस की कई स्तरों पर की शिकायत

-12 मई 2017 को हाईकोर्ट ने सीबीआइ को प्रारंभिक जांच के आदेश दिए

-31 अगस्त को सीबीआइ ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की

- 1 दिसंबर 2017 को हाईकोर्ट ने सीबीआइ को नियमित केस दर्ज करने के आदेश दिए

-15 दिसंबर 2017 को सीबीआइ ने केस दर्ज किया।


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