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हिमाचल में बढ़ी महिलाओं से छेड़छाड़, 2018 में 515 मामले हुए दर्ज

हिमाचल में महिलाओं के छेड़छाड के मामलों में बढ़ोतरी हुई है जबकि आपराधिक वारदातों में कमी हुई है।

By Edited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 05:31 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 03:00 AM (IST)
हिमाचल में बढ़ी महिलाओं से छेड़छाड़, 2018 में 515 मामले हुए दर्ज

शिमला, राज्य ब्यूरो। शांत राज्य हिमाचल में आपराधिक वारदातों में कमी आई है। हालांकि महिला छेड़छाड़, मादक पदार्थो व वन अपराध के मामलों में उछाल आया है। प्रदेश में वर्ष 2018 में महिलाओं से छेड़छाड़ के 515 मामले दर्ज किए गए। पुलिस का तर्क है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 354 में संशोधन से शिकायतों का दायरा बढ़ गया है। गुड़िया हेल्पलाइन के तहत एक साल में 3757 शिकायतें आई। इनमें से 3284 शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है।

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महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार के गत वर्ष 183 मामले जबकि वर्ष 2017 में 191 मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2018 में दुष्कर्म के 345 मामले दर्ज किए गए। अधिकतर आरोपित पीड़ित महिलाओं के परिचित निकले। एनडीपीएस एक्ट के तहत वर्ष 2018 में 1342 मामले दर्ज कर नशीले पदार्थो का कारोबार करने में लिप्त 1724 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। इनमें 10 विदेशी हैं।

वर्ष 2018 में 470 किलो चरस व 7.707 किलो हेरोइन बरामद की गई। वर्ष 2017 में 1010 मामले दर्ज हुए थे। उस दौरान 306.925 किलो चरस व 3.417 किलो हेरोइन बरामद हुई। हालांकि संगीन अपराध जैसे हत्या, हत्या का प्रयास के मामलों में कमी आई है। 32.8 फीसद बढ़े मादक पदार्थो के मामले हिमाचल में पिछले साल सभी तरह के अपराध के 19594 मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2017 में 17804 मामले दर्ज हुए थे। मादक पदार्थो के मामलों में 32.8 फीसद और वन अपराध में 42.8 फीसद बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2018 में हत्या के 98 मामले जबकि वर्ष 2017 में 99 मामले दर्ज हुए थे। पुलिस का दावा है कि हत्या के अधिकांश मामले सुलझा लिए गए हैं। पिछले साल डकैती का एक मामला दर्ज हुआ। वर्ष 2017 में डकैती के तीन मामले दर्ज हुए थे। सड़क हादसे घटे सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में हल्की गिरावट आई है। वर्ष 2017 में 3120 मामले जबकि वर्ष 2018 में 3118 मामले दर्ज किए गए।

गत वर्ष सड़क हादसों में 5541 लोग घायल हुए और 1201 लोगों की मौत हुई। कानून व्यवस्था में हिमाचल बेहतर कानून व्यवस्था के मामले में हिमाचल की स्थिति पूरे देश में बेहतर है। वर्ष 2018 में दर्ज अधिकतर मामलों को सुलझा लिया गया है। लोग पुलिस की कार्यप्रणाली से संतुष्ट हैं। इस कारण मामलों की सीबीआइ जांच की मांग नहीं उठाई गई। इससे पहले हजारों लोग सड़क पर उतरकर कई मामले सीबीआइ के हवाले करने की मांग करते थे। अपराध की रोकथाम के लिए पुलिस ने सराहनीय कार्य किया है।

एसआर मरडी, डीजीपी, हिमाचल डीजीपी का दावा

ये मामले सुलझाए

-बद्दी में दर्ज प्रधानाचार्य की हत्या मामले में आरोपित अमृतसर से गिरफ्तार किए।

-बद्दी थाना क्षेत्र में ब्लाइंड मर्डर केस सुलझाया। -मंडी में दिव्यांग लड़की से दुष्कर्म मामले में आरोपित पकड़ा।

-सरकाघाट में महिला ब्लाइंड मर्डर सुलझाया।

-हरोली पुलिस ने दुष्कर्म एवं ब्लाइंड मर्डर केस सुलझाया।

-बिलासपुर पुलिस ने चालक के ब्लाइंड मर्डर केस सुलझाया

-जापानी नागरिक से दुष्कर्म मामला मनाली पुलिस ने सुलझाया।

-शिमला के चिड़गांव में युवती का ब्लाइंड मर्डर केस सुलझाया।

-शिमला में चालक व परिचालक हत्याकांड को सुलझाया।

-हरिपुर में नाबालिग से दुष्कर्म मामला सुलझाया।

-भोरंज में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के पांच आरोपित गिरफ्तार किए।

-पालमपुर में सामूहिक दुष्कर्म मामले में छह आरोपित पकड़े। तीन आरोपित गोरखपुर से पकड़े गए।

-जवाली व इंदौरा में ब्लाइंड मर्डर केस सुलझाए।

-शिलाई में केदार जिंदान हत्या मामला सुलझाया।

अपराध दर में हिमाचल देश में 21वें स्थान पर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रैंकिंग में हिमाचल अपराध दर में देशभर में 21वें स्थान पर आंका गया है। अपहरण के मामलों में प्रदेश का राष्ट्रीय स्तर पर 24वां स्थान है। पड़ोसी राज्य हरियाणा छठे, चंडीगढ़ 11वें, जम्मू-कश्मीर 16वें, उत्तर प्रदेश 17वें और पंजाब 22वें स्थान पर है। यह रैंकिंग वर्ष 2016 के आंकड़ों पर आधारित है। हर दो साल बाद रैंकिंग जारी की जाती है। वर्ष 2018 के अपराध का अध्ययन वर्ष 2020 में होगा।


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