केंद्रीय कार्मिक विभाग को भेजा छात्रवृति घोटाले का मामला
हिमाचल सरकार ने छात्रवृत्ति घोटाले का मामला केंद्रीय कार्मिक विभाग को भेज दिया है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल सरकार ने छात्रवृत्ति घोटाले का मामला केंद्रीय कार्मिक विभाग को भेज दिया है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद सीबीआइ इस घोटाले की जांच शुरू कर देगी। सरकार ने अगस्त में 215 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपने का निर्णय लिया था।
शिक्षा विभाग ने इस घोटाले की रिपोर्ट तैयार कर गृह विभाग को सौंप दी थी। करीब 20 दिन बाद गृह विभाग ने इस मामले की रिपोर्ट तैयार कर केंद्रीय कार्मिक विभाग को भेज दी है। सीबीआइ को मामला सौंपे जाने के बाद निजी विश्वविद्यालयों से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। केंद्र सरकार को मामला भेजना के बाद शिक्षा विभाग में कई अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथ पांव फूलने शुरू हो गए हैं। शिक्षा विभाग ने अपने स्तर पर इस घोटाले की जाच रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। जाच रिपोर्ट में छात्रवृत्ति घोटाले में बड़े पैमाने पर कई गड़बड़िया सामने आई थीं। छात्रवृत्ति घोटाले में अन्य राज्यों के निजी शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं। हिमाचल में वर्ष 2013 से लेकर 2017 तक की छात्रवृत्ति की जाच की जा रही है। विभाग ने छात्रवृत्ति घोटाले की जाच के दौरान हैदराबाद की सॉफ्टवेयर कंपनी से डाटा मंगवाया था। इस रिकॉर्ड की जाच के दौरान कई गड़बड़ियों का खुलासा हुआ। जाली शिक्षण संस्थान ही करोड़ों की छात्रवृत्ति डकार गए थे। चार हजार बच्चों के नाम पर फर्जी आवेदन सामने आए थे।
प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति घोटाले का मामला केंद्रीय कार्मिक विभाग को भेज दिया है।
बीके अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग।