सिधासली के तत्कालीन प्रधान, सचिवों व जेई पर चलेगा मुकद्दमा
राज्य ब्यूरो शिमला ऊपरी शिमला के चिड़गांव क्षेत्र के सिधासली पंचायत में विकास कार्यों में
राज्य ब्यूरो, शिमला : ऊपरी शिमला के चिड़गांव क्षेत्र के सिधासली पंचायत में विकास कार्यों में अनियमितताएं बरती गईं। दस वर्ष तक जांच के बाद विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के आरोप में शिमला की एक अदालत में दो अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की है। इसके आधार पर तत्कालीन प्रधान राजेश चौहान, पंचायत सचिव देवराज,बिट्टू राम, खंड विकास कार्यालय छोहारा के जेई भूपेंद्र राणा, तकनीकी सहायक सतीश कुमार के खिलाफ स्पेशल जज फॉरेस्ट की अदालत में मुकद्दमा चलेगा।
आरोप है कि इन्होंने पंचायत में 2005 से 2008 के बीच धांधलियां बरती। राजेश चौहान दोनों ही चार्जशीट में आरोपित हैं। हालांकि विजिलेंस ने वर्ष 2010 में एक ही एफआइआर दर्ज की थी लेकिन अब दो अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की गई है। पहली में तत्कालीन प्रधान राजेश चौहान, सचिव देवराज, जेई भूपेंद्र राणा और दूसरे में इन तीन के अलावा सचिव बिट्टू राम, तकनीकी सहायक सतीश कुमार आरोपित हैं। इनके खिलाफ की गई शिकायत की प्रारंभिक जांच के आधार पर विजिलेंस ने एफआइआर दर्ज की।
जांच में पाया कि सरकारी योजनाओं जैसे शौचालयों के निर्माण, क्रेट वायर, चेकडैम आदि के जाली मस्टरोल बनाएं। कई जाली बिल तैयार किए। तकनीकी पहलुओं को जांच गया। जालसाली से जुड़े दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच की गई। विजिलेंस ने आरोपित कर्मचारियों की संबंधित विभाग की अथॉरिटी से अभियोजन मंजूरी ली। मंजूरी मिलने के बाद ही चार्जशीट दाखिल की गई है।
----------------------
सिधासली पंचायत में विकास कार्यों में अनियमितताएं बरतने के आरोपों को लेकर विजिलेंस ने स्पेशल कोर्ट फॉरेस्ट की अदालत में दो अलग- अलग चार्जशीट दाखिल की है। इस संबंध में वर्ष 2010 में केस दर्ज हुआ था। गहन जांच के बाद संबंधित विभाग से आरोपितों की अभियोजन मंजूरी प्राप्त की गई। अब कोर्ट में ट्रायल चलेगा।
अनुराग गर्ग, एडीजीपी (विजिलेंस)