बरागटा मुख्य सचेतक बने, धवाला अड़े
कैबिनेट मंत्री का दर्जा देख पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के खास आखिर पिघल गए और उन्होंने मुख्य सचेतक का पद स्वीकार कर लिया है।
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राज्य ब्यूरो, शिमला : कैबिनेट मंत्री का दर्जा देख पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के खास पूर्व बागवानी मंत्री व जुब्बल कोटखाई के विधायक नरेंद्र बरागटा आखिर झुक गए हैं। उन्होंने मुख्य सचेतक पद पर ताजपोशी स्वीकार कर ली है। यही कारण है कि इस संबंध में अधिसूचना जारी होते ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धन्यवाद करने उनके पास पहुंच गए। जबकि पूर्व सीएम शाता कुमार के खास पूर्व मंत्री रमेश धवाला अब भी मंत्री से कम पद के लिए राजी नहीं हैं। इस वजह से उप मुख्य सचेतक पद पर ताजपोशी नहीं हो सकी है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद मंत्रिमंडल गठन में बरागटा और धवाला को जगह न मिलने पर दोनों खफा दिखे थे। दोनों नेताओं के राजनीतिक पुनर्वास के लिए विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान जयराम सरकार ने मुख्य सचेतक व उप मुख्य सचेतक के लिए विधेयक लाया था। कांग्रेस के विरोध के बीच सरकार ने बहुमत से इसे पास करा दिया था। विधेयक के पास होने के बाद से इस पद के लिए भाजपा विधायकों में खींचतान भी शुरू हो गई थी। यही वजह है कि उप मुख्य सचेतक की ताजपोशी अब भी नहीं पाई है।
ऐसे में सरकार ने मुख्य सचेतक पद के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्य सचेतक के अलावा सचेतक भी लगाया जाना है। सूत्रों के अनुसार उप मुख्य सचेतक पद के लिए सहमति न बनने के कारण ताजपोशी नहीं हो सकी है। शपथ ग्रहण करने के बाद बरागटा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा।
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क्या होगा मुख्य सचेतक व सचेतक का काम
मुख्य सचेतक और उप मुख्य सचेतक का काम विधानसभा में सरकारी कार्य का खाका तैयार करना होगा। सदन की गतिविधियों पर निरंतर नजर रखने और सदन में होने वाली घटनाओं के संबंध में सदन के नेता को अवगत करवाना के अलावा विपक्षी दल के नेताओं से तालमेल बनाना।
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क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं
-मंत्रियों के लिए तय वेतन के बराबर मुख्य सचेतक को मिलेगा।
-मंत्रियों के समान दैनिक भत्ता, प्रतिपूरक भत्ता, सत्कार भत्ता, वाहन भत्ता और यात्रा भत्ता मिलेगा।
- नि:शुल्क हवाई सेवा, रियायती मोटर कार और गृह निर्माण ऋण, आवास व टेलीफोन सुविधा।
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'कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने के लिए भाजपा हाईकमान और मुख्यमंत्री का सम्मान करता हूं। संगठन के लिए सब कुछ देखना पड़ता है। प्रदेश के उत्थान के लिए सभी पक्षों को साथ लाने के लिए प्रयास करूंगा।'
-नरेंद्र बरागटा, विधायक
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''मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। न ही मैंने मंत्री पद मांगा है। हां, इतना जरूर है कि मुझे उप मुख्य सचेतक बनाने के लिए कहा था, लेकिन मैंने कहा दो बार कैबिनेट मंत्री रहकर प्रदेश की सेवा की है, चौथी बार विधानसभा के लिए चयनित हुआ हूं अब भी लोगों की सेवा यूं ही करता रहूंगा। संकट के समय मैंने पार्टी का साथ दिया है और मुझे सम्मान भी मिला है। अब भी पार्टी और जनता की सेवा पहले की तरह ही करता रहूंगा।
-रमेश धवाला, पूर्व मंत्री व ज्वालामुखी से विधायक