सीवरेज शुल्क में राहत, गृहकर घटेगा
राज्य ब्यूरो शिमला प्रदेश सरकार ने जलशक्ति विभाग की ओर से वसूले जा रहे पानी के बिल मे
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश सरकार ने जलशक्ति विभाग की ओर से वसूले जा रहे पानी के बिल में सीवरेज शुल्क 50 फीसद से घटा कर 30 फीसद करने का फैसला लिया। शहरों में गृहकर की दरें भी घटाई जाएंगी। कोरोना का संकट झेल रहे 1.30 लाख पंजीकृत कामगारों को सरकार ने तीसरे माह दो-दो हजार रुपये की मदद दी है। राज्य भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत कामगारों के बच्चों के लिए वित्तीय सहायता बढ़ा दी गई है। ये फैसले प्रदेश मंत्रिमंडल की वीरवार को हुई बैठक में लिए गए, जिसमें शपथ ग्रहण करने वाले तीनों मंत्री भी शामिल हुए।
पीटरहॉफ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकारी विभागों में 90 पद भरने की मंजूरी प्रदान की। पंजीकृत कामगारों के दो बच्चों की शिक्षा के लिए अधिक वित्तीय सहायता मिलेगी। पहली से आठवीं कक्षा तक लड़कियों को 7000 की जगह आठ हजार और लड़कों को 3000 की जगह पांच हजार रुपये सालाना मिलेंगे। नौवीं से जमा दो कक्षा तक की लड़कियों को 10 हजार की जगह 11 हजार और लड़कों को छह हजार के स्थान पर आठ हजार रुपये मिलेंगे। स्नातक शिक्षा के लिए लड़कियों को 15 हजार के स्थान पर 16 हजार और लड़कों को 10 हजार रुपये की जगह 12 हजार रुपये दिए जाएंगे। स्नातकोत्तर और एक से तीन वर्ष तक की अवधि वाले डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए लड़कियों को 20 हजार के स्थान पर 21 हजार और लड़कों को 15 हजार के स्थान पर 17 हजार रुपये मिलेंगे। व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए लड़कियों को 35 हजार के स्थान पर 36 हजार और लड़कों को 25 हजार के स्थान पर 27 हजार रुपये प्रतिवर्ष मिलेंगे।
मंत्रिमंडल ने श्रमिकों के बच्चों के विवाह के लिए वित्तीय सहायता को 35 हजार से 51 हजार रुपये कर दिया। यह सुविधा दो बच्चों पर ही मिलेगी। कामगारों के खाते में दो हजार रुपये की वित्तीय सहायता देने के फैसले पर भी सरकार ने मुहर लगाई। कोरोना संकट में पहले ही सरकार दो महीने से कामगारों के खाते में दो-दो हजार रुपये डाल चुकी है। इन फैसलों पर भी मुहर
मंत्रिमंडल ने बागवानी और वानिकी विकास और विस्तार संस्थान थुनाग का नाम वानिकी और बागवानी महाविद्यालय थुनाग करने और महाविद्यालय प्रबंधन के लिए आवश्यक पद सृजित करने की सहमति दी। सिरमौर के नारग में जल शक्ति विभाग का उपमंडल खोलने, इस उपमंडल के तहत नारग और दिलमन में नए अनुभाग बनाने का फैसला भी लिया। करुणामूलक रोजगार के मामलों के निपटारे के लिए 'करुणामूलक रोजगार' और डेलिगेशन ऑफ पावर की नीति सरल करने का निर्णय लिया। अब लिपिक के स्थान पर यह मामले कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आइटी) के पद पर माने जाएंगे।