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हिमाचल में बीएसएनएल के आधे कर्मचारियों ने ली वीआरएस

भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल)के हिमाचल प्रदेश में कार्यरत

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 07:36 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 06:24 AM (IST)
हिमाचल में बीएसएनएल के आधे कर्मचारियों ने ली वीआरएस
हिमाचल में बीएसएनएल के आधे कर्मचारियों ने ली वीआरएस

राज्य ब्यूरो, शिमला : भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के हिमाचल में कार्यरत 850 कर्मचारियों ने एक साथ वीआरएस (वालंटियर रिटायरमेंट स्कीम) ले ली। अब राज्य में बीएसएनएल में आधा स्टाफ रह गया है। कुल 1700 कर्मचारी थे। वीआरएस उन कर्मियों ने ली है, जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है। पूरी पेंशन उन्हीं को मिलेगी, जिनकी सेवाएं 2000 से पहले दूरसंचार विभाग में थीं। इन कर्मचारियों को ग्रेच्यूटी का लाभ 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद मिलेगा। तब ये असल में सेवानिवृत्त होने थे। उसी वक्त 1600 माह के बराबर वेतन का भी लाभ मिलेगा, लेकिन अन्य सेवानिवृत्ति लाभ जारी मिल जाएंगे।

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दो माह से नहीं मिला वेतन

बीएसएनएल के कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है। कार्यरत कर्मचारियों का मानना है कि अभी हालात जल्द सुधरने वाले नहीं हैं।

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18 लाख उपभोक्ता

निगम के हिमाचल में करीब 18 लाख मोबाइल उपभोक्ता हैं। जिओ पहले नंबर है। कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद अब निगम नंबर दो की हैसियत भी गंवा सकता है। इसके अलावा लैंडलाइन उपभोक्ता भी परेशान हैं। राजधानी शिमला में ही बीस हजार कनेक्शन हैं।

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केंद्र सरकारों की नीतियों के कारण बीएसएनएल घाटे में चला गया। जिन 850 कर्मचारियों ने वीआरएस ली है, वे नाखुश हैं। समय पर सेवानिवृत्त होना चाहते थे। दुखी मन से कड़ा फैसला लेना पड़ा है। यह बात सही है आधे बचे स्टाफ की भी चिंताएं बढ़ गई हैं। पता नहीं कब क्या आदेश आ जाए। नौकरी जाने का सभी को गम है।

-सुखदेव शर्मा, महासचिव बीएसएनएल कर्मचारी संघ।

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प्रधान ने भी ली वीआरएस

संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत सिंह ने भी वीआरएस ले ली है। वह कांगड़ा के धर्मशाला के रहने वाले हैं। महासचिव के अनुसार नौकरी खत्म होने से उनके संघ के मुखिया भी आहत हैं, लेकिन विकल्प भी दूसरा नहीं था।


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