शहरी नक्सलवाद व बांग्लादेशी घुसपैठ देश के लिए बड़ा खतरा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संचालक डॉ. वीर सिंह रांगडा ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ देश के लिए खतरा है।
शिमला, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांत संचालक डॉ. वीर सिंह रांगड़ा ने कहा कि बांग्लादेशियों की घुसपैठ देश के लिए बड़ा खतरा है। कोर्ट ने भी इस मामले में देशहित में फैसला दिया है। शहरी नक्सलवाद भी बड़ी समस्या है। आरएसएस काफी समय से इन मुद्दों को जनता के बीच रखता रहा है।
आरएसएस स्वयंसेवकों ने विजयदशमी पर शिमला के इंजनघर वार्ड से संजौली बाजार होते हुए ढली तक पथसंचलन किया। इसमें डॉ. वीर सिंह रांगड़ा ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की। उन्होंने कहा कि विजयदशमी शक्ति की अराधना का पर्व है। वर्ष 1925 में विजयदशमी के दिन आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में संघ की स्थापना की थी। संघ भी समाज की बुराइयों से लड़ रहा है और उसके लिए वाछित शक्ति प्राप्त करने के लिए इससे बेहतर अवसर कोई दूसरा नहीं हो सकता है।
आरएसएस की स्थापना राष्ट्र के निर्माण में हुई थी। इसी कड़ी में स्वयंसेवक दुनियाभर में कार्य कर रहे हैं। लेकिन कई ऐसी विचारधाराएं देश को खंडित करने में लगी हैं। आज शहरी नक्सलवाद उसी का हिस्सा है जो देश के लिए घातक है। देश के शिक्षण संस्थानों पर शहरी नक्सलवाद की नजर है। यहीं पर सबसे अधिक नक्सलवाद सक्रिय है। समाज को किस तरह बांटा जाए, इसकी भूमिका शहरी नक्सलवाद लिख रहा है। 246 घरों से आया भोजन आरएसएस में भोजन की व्यवस्था लोगों की मदद से होती है। पथसंचलन में हिस्सा लेने वाले करीब 650 स्वयंसेवकों के लिए दोपहर के भोजन की व्यवस्था 246 घरों से की गई थी। किसी के घर से परांठा तो किसी के घर से चपातियां आई थीं।