कसोल में खरीदी जमीन बेच नहीं पाएगा गैर हिमाचली
हिमाचल सरकार की अनुमति के बिना कुल्लू जिला के कसोल में खरीदी गई जमीन की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल सरकार की अनुमति के बिना कुल्लू जिला के कसोल में खरीदी गई जमीन की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। विजिलेंस ने रोक की सिफारिश की है। यह जमीन पश्चिम बंगाल निवासी संजय मुखर्जी ने खरीदी थी। इस संबंध में कुल्लू के उपायुक्त को पत्र लिखा गया है।
सूत्रों के अनुसार उपायुक्त ने भी विजिलेंस केस का कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने भी खरीद-फरोख्त न करने के संबंध में कड़ी हिदायतें दी हैं। ये हिदायतें एसडीएम व तहसीलदार को जारी की गई हैं। अब विजिलेंस राजस्व विभाग से 17 रजिस्ट्री का मूल रिकॉर्ड कब्जे में लेगी। 18वीं रजिस्ट्री से संबंधित पुराना रिकॉर्ड अर्की से हासिल किया जाएगा। जांच एजेंसी की एक टीम राजस्व विभाग के संपर्क में है। महंगा पड़ा धारा 118 का उल्लंघन
संजय मुखर्जी को भू राजस्व अधिनियम की धारा 118 का उल्लंघन महंगा पड़ा। बीघों में खरीदी गई जमीन को अब संजय इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। विजिलेंस की प्रारंभिक जांच में कसोल में 17 रजिस्ट्री गैरकानूनी पाई गई हैं। ऐसा राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है। जालसाजी के सहारे हिमाचल में जमीन खरीदी गई थी। प्रारंभिक जाच में आरोप साबित
विजिलेंस की प्रारंभिक जाच में आरोपित पर आरोप साबित हुए हैं। इसके आधार पर विजिलेंस ने मामला दर्ज किया है। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने गैर हिमाचली को कसोल में जमीन खरीदने की इजाजत दी थी। अधिकारियों ने अपने पद व शक्ति दोनों का दुरुपयोग किया था। ये हैं आरोपित
कुल्लू के तत्कालीन तहसीलदार चेतराम कौंडल, पटवारी केशव राम, कानूनगो अमरनाथ, तहसीलदार मदन सिंह पुंडीर व तत्कालीन उप रजिस्ट्रार मोहन सिंह को आरोपित बनाया गया है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने संजय मुखर्जी को जमीन खरीदने में मदद की। उन्होंने नियमों को दरकिनार कर जमीन की रजिस्ट्री कर बाद में इंतकाल चढ़ा दिया। इससे अन्य राज्य का व्यक्ति हिमाचल में जमीन का मालिक बन गया। विजिलेंस के अनुसार आरोपित पाच अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जमीन की खरीद-फरोख्त करने के मामले में अधिकारियों की भूमिका की जाच तेज हो गई है। हिमाचल में अन्य राज्यों के लोगों को जमीन खरीदने के लिए धारा 118 के तहत अनुमति लेना जरूरी है।