नकदी फसलों के साथ पारंपरिक फसलों की भी खेती करें किसान
राज्य ब्यूरो, शिमला : सेंटर फॉर मीडिया स्टडी (सीएमएस) व पर्यावरण एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग
राज्य ब्यूरो, शिमला : सेंटर फॉर मीडिया स्टडी (सीएमएस) व पर्यावरण एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन शिमला के साथ लगते गांव धमून में किसानों को जलवायु परिवर्तन से फसलों पर पड़ रहा असर बताया गया।
सीएमएस के महानिदेशक पीएन वसंती, पर्यावरण एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग की निदेशक अर्चना शर्मा व प्रिंसिपल साइंटिफिक अधिकारी सुरेश अत्री ने किसानों को नकदी फसलों के साथ पारंपरिक फसलों की खेती करने के प्रति जागरूक किया। कार्यशाला में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी दिए गए। सुरेश अत्री ने बताया कि धमून गांव में किसानों ने बदलती जलवायु के कारण पारंपरिक फसलों की खेती करना छोड़ दिया था। कुछ किसानों को विभाग ने जागरूक कर पारंपरिक फसलों की खेती के लिए नि:शुल्क बीज उपलब्ध करवाए। अब इस गांव के कुछ किसानों ने नकदी फसलों के साथ पारंपरिक फसलों की खेती करना भी शुरू कर दिया है।