पथरीली पगडंडियों से अर्जेटीना की उड़ान
देश के अति पिछड़े जिलों में शामिल है चंबा। जिले के रेटा गांव की निवासी सीमा ने यूथ ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है।
मुनीष गारिया, धर्मशाला
देश के अति पिछड़े जिलों में शामिल है चंबा। जिले के रेटा गांव की हालत ऐसी है कि सड़क कच्ची है। 18 साल से सड़क पक्की नहीं हो पाई। गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। कोई बीमार हो जाए तो इलाज के लिए पांच किलोमीटर दूर डिस्पेंसरी जाना पड़ता है। रेटा निवासी सीमा भी दूसरों की तरह गांव के विपरीत हालात से जूझी मगर हिम्मत नहीं खोई। उसने साबित कर दिया कि मेहनत की कोई सीमा नहीं होती..यदि ठान लिया जाए तो हर मंजिल पाना आसान है।
रेटा की पथरीली पगडंडियों पर सरपट दौड़ने के बाद सीमा बुलंद हौसले के साथ आगे बढ़ रही हैं। वर्ष 2015 में सीमा भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के धर्मशाला स्थित हॉस्टल में एथलेटिक्स का प्रशिक्षण लेने आई थीं। किसी ने यह नहीं सोचा था कि गरीब परिवार की 15 साल की इस बच्ची का हौसला इतना मजबूत होगा कि वह दूसरों के लिए मिसाल बन जाएगी। लेकिन हॉस्टल के एथलेटिक कोच ने इस बेटी के हुनर को पहचाना। सीमा ने ऐसी उड़ान भरी कि अब यूथ ओलंपिक में देश को स्वर्ण पदक जिताने से एक कदम दूर पहुंच गई हैं। मध्य दूरी की धाविका सीमा ने 18 अक्टूबर से अर्जेटीना में होने वाले यूथ ओलंपिक बेनिक ऐयरस-2018 के लिए क्वालिफाई किया है। वह भारत का प्रतिनिधित्व कर स्वर्ण पदक के लिए तीन हजार मीटर दौड़ लगाएंगी। सीमा दूसरों के लिए मिसाल बनी हैं। वह राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक अपने नाम कर चुकी हैं। उसके पिता का निधन हो चुका है जबकि मां केसरी देवी गृहणी हैं। दो भाई भेड़ बकरियां पालकर घर का खर्च पूरा करते हैं। दिल्ली में ले रहीं प्रशिक्षण
कोच केयर ¨सह पटियाल ने बताया कि सीमा यूथ ओलंपिक की तैयारी के लिए इन दिनों नेशनल स्पोस्र्ट्स अकादमी दिल्ली में प्रशिक्षण ले रही हैं। रेटा में खुशी की लहर
यूथ ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने पर साई हॉस्टल धर्मशाला व सीमा के पैतृक गांव रेटा में खुशी की लहर है। सुमन रावत के बाद सीमा प्रदेश की दूसरी धाविका हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का इतना नाम रोशन किया है। सुमन रावत ने 1986 एशियन खेलों में कांस्य पदक जीता था। सीमा पिछले वर्ष आयोजित यूथ एशियन खेलों में कांस्य पदक जीत चुकी हैं। बेहतर प्रदर्शन पर मिली छात्रवृत्ति
खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने इस साल नई दिल्ली में प्रथम खेलो इंडिया प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इसमें सीमा ने तीन हजार मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता। इस प्रदर्शन के आधार पर उसे खेलो इंडिया की ओर से अगले आठ साल तक हर वर्ष पांच-पांच लाख रुपये की छात्रवृत्ति मिलेगी। तीन राष्ट्रीय रिकॉर्ड सीमा के नाम
-नवंबर 2016 में तमिलनाडु में हुई अंडर-16 जूनियर नेशनल एथलेटिक चैंपियनशिप में दो हजार मीटर दौड़ 6:27:13 मिनट में पूरी की।
-वर्ष 2016 में हैदराबाद में आयोजित यूथ नेशनल एथलेटिक चैंपियनशिप में तीन हजार मीटर दौड़ 9:56 मिनट में पूरी कर रिकॉर्ड बनाया।
-वर्ष 2017 में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में जूनियर नेशनल एथलेटिक चैंपियनशिप में तीन हजार मीटर दौड़ 9:50 मिनट में पूरी की। सीमा की उपलब्धियां
-बैंकाक में इस साल तीन से पांच जुलाई तक हुई एथलेटिक्स एशियन क्वालिफायर एंड चैंपियनशिप में तीन हजार मीटर दौड़ 9.55 मिनट में पूरा कर रजत पदक जीता।
-वर्ष 2017 में बैंकॉक में आयोजित यूथ एशियन गेम्स में तीन हजार मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता।