Ashwani Kumar Suicide: पूर्व सीबीआइ निदेशक की संजौली में राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि
Ashwani Kumar Suicide नागालैंड के पूर्व राज्यपाल एवं सीबीआइ के निदेशक रहे अश्वनी कुमार के शव का वीरवार को आइजीएमसी शिमला में पोस्टमार्टम करवाया गया। आइजीएमसी परिसर में ही पुलिस ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। अश्वनी कुमार हिमाचल प्रदेश के डीजीपी भी रहे हैं।
शिमला, जेएनएन। नागालैंड के पूर्व राज्यपाल एवं सीबीआइ के निदेशक रहे अश्वनी कुमार के शव का वीरवार को आइजीएमसी शिमला में पोस्टमार्टम करवाया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव घर लाया गया। इसके बाद संजौली के शव गृह में राजकीय सम्मान के साथ अतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौके पर ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, पूर्व मंत्री जीएस बाली, मुख्य सचिव अनिल खाची और डीजीपी संजय कुंडू सहित जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे।
अश्वनी कुमार हिमाचल प्रदेश के डीजीपी भी रहे हैं। बुधवार देर शाम को उनका शव कमरे में फंदे से लटका बरामद हुआ था। इसके बाद रात को फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंच कर साक्ष्य जुटाए। उनके नाम का सुसाइड लेटर भी बरामद हुआ है, जिसकी जांच की जा रही है।
नाहन में जन्म, हिमाचल के डीजीपी भी रहे
अश्वनी कुमार का जन्म जिला सिरमौर के मुख्यालय नाहन में हुआ था। वह भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के 1973 बैच के अधिकारी थे। वर्ष 2006 से 2008 तक हिमाचल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रहे। अगस्त 2008 से नवंबर 2010 के बीच वह सीबीआइ के निदेशक रहे। अश्वनी कुमार सीबीआइ के पहले ऐसे प्रमुख हैं, जिन्हें बाद में राज्यपाल बनाया गया था। मार्च 2013 में उन्हें नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। हालांकि वर्ष 2014 में उन्होंने पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद वह एक निजी यूनिवॢसटी के कुलपति रहे। उन्होंने कई विषयों में मास्टर डिग्री हासिल की थी। वे 1973 बैच के आइपीएस अफसर थे। कोरोना संकट में लगे लाकडाउन के दौरान अश्वनी कुमार पत्नी व बेटे सहित मुंबई में थे और हाल ही में शिमला लौटे थे। आत्महत्या की इस घटना से हर कोई स्तब्ध है। अश्वनी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की सुरक्षा में भी तैनात रह चुके हैं। कुछ समय के लिए उन्हें राजीव गांधी का सुरक्षा अधिकारी लगाया गया था। उन्होंने एसपीजी में भी सेवाएं दी थीं।