आशा नेता प्रतिपक्ष की दौड़ से बाहर!
राज्य ब्यूरो, शिमला : डलहौजी से कांग्रेस विधायक आशा कुमारी के थप्पड़ कांड ने उन्हें वि
राज्य ब्यूरो, शिमला : डलहौजी से कांग्रेस विधायक आशा कुमारी के थप्पड़ कांड ने उन्हें विपक्ष की नेता की दौड़ से बाहर कर दिया है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की चेतावनी के बाद इस पद के लिए उनका पता कट गया है और उनके नाम पर विचार तक नहीं किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बाद नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में आशा कुमारी का नाम दूसरे नंबर पर था। ऐसे में आशा कुमारी को महिला पुलिस जवान राजवंति को राहुल के शिमला दौरे के दौरान थप्पड़ मारने की कीमत विपक्ष के नेता पद से हाथ धोकर चुकानी पड़ेगी। राहुल ने शिमला में बैठक के दौरान साफ कहा था कि पार्टी की विचारधारा को तोड़ने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। इसके बाद उम्मीद है कि काग्रेस विधायक आशा कुमारी को किसी भी सूरत में नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाएगी।
प्रदेश विधानसभा में वर्तमान में कांग्रेस के 21 विधायक जीतकर आए हैं। वीरभद्र को विपक्ष के नेता बनाए जाने के लिए 21 में से 16 विधायकों का समर्थन है। ऐसे में वीरभद्र के स्वयं इस पद से हटने के बाद अन्य नेताओं के नाम पर विचार होना है। यह अलग बात है कि किसी युवा को जिम्मेदारी देने पर जोर दिया जा रहा है। विधानसभा का शीतकालीन सत्र नौ जनवरी से आरंभ होना है और इससे पहले विपक्ष के नेता की ताजपोशी होनी है।
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दौड़ में कौन-कौन
कांग्रेस से विपक्ष के नेता की दौड़ में वीरभद्र के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, रामलाल ठाकुर और मुकेश अग्निहोत्री शामिल हैं। भाजपा सरकार को अगले पांच वर्ष के लिए चुनौती प्रदान करने और कांग्रेस के खोए वजूद को वापस लाने के लिए कांग्रेस दमदार नेता को विपक्ष के नेता का दायित्व सौंपना चाहिए। इससे विधानसभा के अंदर भाजपा को कड़ी चुनौती दी जा सके।
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विपक्ष के नेता के चयन के लिए केंद्र से पर्यवेक्षक जल्द आ रहे हैं। इस दौरान सब तय होगा। विपक्ष का नेता किसे बनाया जाना है यह तय नहीं है।
-सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रदेशाध्यक्ष कांग्रेस।