गुठलीदार फलों पर मौसम की बेरुखी भारी
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों में प्रमुख फल आडू, पलम व बादाम की फ
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों में प्रमुख फल आडू, पलम व बादाम की फसल पर मौसम की बेरुखी भारी पड़ रही है। जहां एक ओर गुठलीदार फलों के पौधों में नमी की कमी चल रही है वहीं तापमान में उतार-चढ़ाव फ्लावरिंग को प्रभावित कर रहा है। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों के दौरान मध्यम ऊंचाई व मैदानी क्षेत्रों में बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना जताई है। इससे बागवानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। एक ओर आलावृष्टि से फूल गिरेंगे तो वहीं भारी ठंड से खिल रहे फूल भी अच्छी तरह से नहीं खिल पाएंगे। जो फल उगेंगे भी उन पर भी बीमारियां लगने की आशंका अधिक बढ़ गई है। इससे फल अधिक गुणवत्ता पूर्ण नहीं होंगे, साथ ही पैदावार कम होने से इन फलों की आवक भी बाजार में कम होगी। इससे न तो बागवानों को फसल के ठीक दाम मिल पाएंगे न ही खरीदारों को अच्छे फल। जिससे आडू उत्पादकों के चेहरों की रौनक गायब हो गई है। इस साल प्रदेश में फरवरी के अंतिम सप्ताह तक पहले ही पर्याप्त बारिश नहीं हो पाई है। इस कारण फलदार पौधों में नमी की कमी पहले ही चल रही है। जिसका असर आने वाले दिनों में बागवानों को कम पैदावार के रूप में भुगतना पड़ सकता है।
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कृषि विश्वविद्यालय की एचडीओ डॉ. शिवानी ने बताया कि फ्लावरिंग के दौरान यदि ज्यादा दिनों तक बारिश और ठंड रही तो पॉलीनेशन ठीक से नहीं हो पाती है जिससे उत्पादन घट सकता है। मौसम की करवट से तापमान में गिरावट के कारण गुठलीदार फलों आडू, पलम, खुमानी और बादाम आदि में इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि गुठलीदार पौधों के बागीचों वाले क्षेत्रों में 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान होना आवश्यक है यदि ओलावृष्टि होती है तो जहां एक ओर फूल गिर जाएंगे वहीं तापमान में भी कमी आएगी जिससे फूल विकसित नहीं हो पाएंगे और इसका असर उत्पादन पर पड़ेगा।