मौसम विभाग के पूर्वानुमान पर बागवानों की उम्मीद
एक माह से बारिश न होने से किसान-बागवान चिंतित हैं।
अमित सूद, कुमारसैन
एक माह से बारिश न होने से किसान-बागवान चिंतित हैं। इस मौसम में वे कृषि-बागवानी कार्य नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि नववर्ष के पहले सप्ताह में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। ऊपरी शिमला के सेब बाहुल्य क्षेत्रों के बागवान बगीचों में पौधों की कटिंग-प्रूनिंग, खाद डालने, तौलिये बनाने, तनों में चूने का पेस्ट लगाने और नए पौधे लगाने के लिए गड्ढे बना रहे हैं, लेकिन सूखी जमीन पर तौलिये बनाने से पौधों को नुकसान हो सकता है। हालांकि पहले ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी और निचले इलाकों में हल्की बारिश तो हुई, लेकिन उससे जमीन में पर्याप्त नमी नहीं हुई थी। बागवानों को उम्मीद है कि अब अच्छी बारिश और बर्फबारी होगी। आजकल हुई बारिश और बर्फबारी सेब के पौधों के लिए काफी लाभदायक मानी जाती है।
क्षेत्र के बागवानों का कहना है दिसंबर में अकसर बारिश हो जाती थी और जमीन में पर्याप्त नमी होने के बाद खाद, गोबर डालने और पौधों के तौलिये बनाने सहित नए पौधे लगाने के लिए गड्ढे बनाने कार्य सही से होता था।
जल्दबाजी न करें बागवान
विशेषज्ञों ने भी माना कि बागवानी कार्यो के लिए आजकल बारिश होना बेहद जरूरी है। उन्होंने सलाह दी है कि पौधों से पते झड़ने के बाद पौधों की प्रूनिंग की जा सकती है। बागवान जल्दबाजी न करें और धैर्य रखें, क्योंकि अभी समय है, नए पौधे लगाने और पौधों के तौलिये बनाने और खाद डालने का काम बारिश होने के बाद करें।
कुमारसैन के उद्यान प्रसार अधिकारी सुनील नरम ने कहा कि सेब के पौधों के चिलिंग आवर्स के लिए भी नमी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि रायल डिलीशियस में चिलिंग आवर्स के 1600 घटे होने आवश्यक हैं। बारिश के बाद ही पौधों के तौलिये बनाने और नए पौधे लगाने का कार्य करें। सलाह दी है कि प्रूनिंग के बाद पौधों में ब्लाइटाक्स पेस्ट लगाएं। बागवान चाहें तो ब्लाइटाक्स की स्प्रे (600 ग्राम प्रति 200 लीटर) भी कर सकते हैं।