मोदी की फसल बीमा योजना हिमाचल में खोज रही धरातल
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फसल बीमा योजना हिमाचल में धरातल पर नहीं उतर
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फसल बीमा योजना हिमाचल में धरातल पर नहीं उतर रही है। प्रदेश में 80 फीसद लोग कृषि और बागवानी करते हैं। केवल नौ फीसद के करीब किसानों ने फसल बीमा करवाया हुआ है। प्रदेश में 9.5 लाख परिवार खेतीबाड़ी से जुड़े हैं और खरीफ मौसम के दौरान केवल 90 हजार किसानों ने ही फसल का बीमा करवाया थ। हालांकि हजारों किसानों की फसलें बारिश के दौरान बर्बाद हो गई।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को धरातल पर उतारने के लिए 21 नवंबर को चार जिलों के किसानों, बैंक व कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक रखी गई है। ऐसी बैठकें प्रदेश के अन्य जिलों में जल्द ही आयोजित की जाएंगी। प्रदेश में इस बरसात में कृषि फसलों को करीब 65 करोड़ का नुकसान हुआ है। हर वर्ष लाखों के नुकसान के बावजूद किसान फसल बीमा करवाने से कतरा रहे हैं जिसके मुख्य कारणों में बीमा करवाने के बाद उचित लाभ का न मिलना बताया जा रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी देने और जिन किसानों ने फसलों का बीमा करवाया हुआ है और लाभ नहीं मिला है, उन्हें 21 नवंबर को शिमला के मशोबरा में बुलाया गया है। इसमें कृषि विभाग के निदेशक, सचिव, अधिकारी, बैंकर व बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। किसान लगातार शिकायत कर रहे हैं कि जिन्होंने बीमा करवाया है उन्हें फसल बीमा के निर्धारित प्रीमियम से भी कम लाभ मिल रहा है। इस बैठक में किसानों के सुझाव लिए जाएंगे और उसके आधार पर बदलाव की आवश्यकता होगी तो प्रदेश सरकार को भेजने के बाद केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
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हिमाचल में किसान फसल बीमा करवाने से कतरा रहे हैं। इस योजना को सफल बनाने के लिए 21 नवंबर को चार जिलों शिमला, सोलन, किन्नौर और सिरमौर के किसानों, बैंकर, बीमा कंपनियों और अधिकारियों की मशोबरा में बैठक रखी है। किसानों की समस्याओं को जानने के साथ उनका हल किया जाएगा।
-रामलाल मार्कंडेय, कृषि मंत्री।