बिजली कानून में संशोधन के खिलाफ लामबंद हुए कर्मचारी
बिजली कानून में संशोधन की सरकार की कवायद के खिलाफ कर्मचारी लामबंद हो गए हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला : बिजली कानून में संशोधन की सरकार की कवायद के खिलाफ कर्मचारी लामबंद होने लगे हैं। केंद्र द्वारा कानून में संशोधन के मसौदे को संसद में पेश करने से पहले ही कर्मचारियों ने देशभर में आदोलन का ऐलान किया है। राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी भी आदोलन में शामिल होंगे। बोर्ड कर्मचारी मंगलवार को मंडल, वृत्त व मुख्य अभियंताओं के कार्यालयों के समक्ष धरना प्रदर्शन करेंगे।
राज्य बिजली बोर्ड इंप्लाइज यूनियन के महासचिव हीरालाल वर्मा ने बताया कि शीत सत्र में पारित करने के लिए केंद्र सरकार संशोधन विधेयक ला रही है। संशोधन कानून के प्रभाव में आने से बिजली बोर्ड विघटित होकर सभी कार्यो को अलग-अलग करने के साथ वितरण के कार्य को छोटी-छोटी कंपनियों में बाटा जाना तय है। भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की लागत औद्योगिक क्षेत्र की तुलना में काफी ज्यादा है। इसे अभी विद्युत दरें तय करते समय क्रॉस सबसिडी को कम किया जा रहा है। कानून बनने से दूरदराज क्षेत्रों में बिजली दरें आपूर्ति के हिसाब से तय होंगी। इससे ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। बिजली मापने के लिए जगह-जगह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों व बिजली के फीडर अलग-अलग करने का खर्च भी उपभोक्ताओं को वहन करना पड़ेगा। औद्योगिक और अन्य राजस्व वाले क्षेत्र निजी हाथों में चले जाएंगे। इसका सीधा असर प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। बड़े उपभोक्ताओं को उनकी सुविधा अनुसार बिजली मिलेगी। उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति में दी जा रही सेवाएं प्रभावित होंगी और विद्युत दरें बढ़ेंगी। बोर्ड कर्मचारियों की अन्य मागों को भी प्रदर्शन के दौरान उठाया जाएगा।