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मज्याठ वार्ड में सीवरेज लाइन बिछाने में फिर अड़ंगा

जागरण संवाददाता शिमला राजधानी शिमला के मज्याठ वार्ड में सीवरेज लाइन बिछाने पर फिर से अड़

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 07:49 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 07:49 PM (IST)
मज्याठ वार्ड में सीवरेज लाइन बिछाने में फिर अड़ंगा
मज्याठ वार्ड में सीवरेज लाइन बिछाने में फिर अड़ंगा

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला के मज्याठ वार्ड में सीवरेज लाइन बिछाने पर फिर से अड़ंगा पड़ गया है। सीवरेज लाइन बिछाने के लिए निगम द्वारा लगाए गए ब्लॉक की ऊंचाई अधिक होने पर रेलवे ने वार्ड पार्षद को नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि ब्लॉक की ऊंचाई अधिक है। ऐसे में इन ब्लॉकों को तोड़ा जाएगा। इसके अलावा रेलवे लाइन में ब्लॉक न होने के कारण पाइप लाइन भी नहीं बिछाई जा रही है। ऐसे में अब सीवरेज लाइन बिछाने का काम फिर से लटक गया है। हालांकि रेलवे द्वारा सीवरेज लाइन बिछाने के लिए पिछले वर्ष अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दिया गया था।

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नगर निगम शिमला ने सीवरेज लाइन बिछाने के लिए आ रही 598 वर्ग मीटर रेलवे की जमीन की लीज मनी 17 लाख 28 हजार रुपये भी रेलवे को जमा करवा दिया है। बावजूद इसके भी रेलवे ने अड़ंगा डाल दिया है।

स्थानीय पार्षद दिवाकर देव शर्मा ने कहा कि वार्ड में रेलवे और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की जमीन होने के कारण कई काम अटक रहे हैं। एक पाइप बिछाने के लिए अडंगा पड़ा है जिस कारण वार्ड की 50 प्रतिशत जनता प्रभावित हुई है। वार्ड में नहीं हो पा रहा विकास

शहर का मज्याठ वार्ड नगर निगम में शामिल तो हो गया, लेकिन यहां मूलभूत सुविधाएं अब तक नहीं मिल पाई हैं। वार्ड में न तो एंबुलेंस सड़क है और न ही सामुदायिक केंद्र। सीवरेज लाइन न होने से लोगों का सीवरेज नालों में बहता है। इससे नालों से सटे घरों में लोग परेशान हैं। वार्ड से रेलवे ट्रैक गुजरता है जिस कारण रेलवे की अनुमति लेनी आवश्यक है। रेलवे की अनुमति न मिलने के कारण वार्ड में विकास कार्य रुक गए हैं। स्थानीय लोग पहले भी कर चुके हैं पटरी जाम

मज्याठ वार्ड के लोग रेलवे लाइन के ऊपर से एंबुलेंस सड़क निकालने को लेकर पहले भी रेलवे ट्रैक जाम कर चुके हैं। ट्रैक पर ओवरब्रिज बनना है लेकिन इसके लिए रेलवे का अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है। रेलवे ने ट्रैक जाम करने पर आश्वासन दिया था कि वह अनापत्ति प्रमाण पत्र देगा। इसके बाद रेलवे के इंजीनियरों ने ट्रैक का निरीक्षण कर औपचारिकताएं पूरी कर आवेदन करने को कहा है।


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