एक शिक्षक को दोबारा प्रशिक्षण के लिए भेजा तो होगी कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को दूसरी बार एक ही प्रशिक्षण के लिए भेजने पर रोक लगा दी है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को दूसरी बार एक ही प्रशिक्षण के लिए भेजने पर रोक लगा दी है। यदि किसी शिक्षक को दूसरी बार एक विषय के प्रशिक्षण के लिए भेजा गया तो संबंधित जिला के शिक्षा उपनिदेशक के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में उपनिदेशकों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
प्रदेश सरकार को शिकायत मिली थी कि शिक्षा विभाग उन्हीं शिक्षकों को बार-बार प्रशिक्षण के लिए भेज रहा है जिन्हें पहले भी उसी विषय का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। शिक्षा विभाग के पास जिलास्तर पर ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है कि दो साल के दौरान किस शिक्षक को कौन से प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला में भेजा गया था। ऐसे में उपनिदेशक उन्हीं शिक्षकों को बार-बार कार्यशाला में भेज रहे हैं जिन्हें पहले भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कुछ शिक्षक अपनी पहुंच का लाभ उठाकर प्रशिक्षण की सूची से नाम कटवा कर दूसरे शिक्षक का नाम शामिल करवा रहे हैं। कोई रिकॉर्ड न होने के कारण एक ही शिक्षक को दूसरी बार प्रशिक्षण के लिए भेज दिया जाता था। सरकार से की थी शिकायत
राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) सोलन में प्रिंसिपलों को सितंबर में प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया था। कार्यशाला में 49 प्रिंसिपल हिस्सा ले रहे थे। एससीईआरटी में जाच की गई तो कार्यशाला में आने वाले प्रिंसिपलों में 23 ऐसे थे तो पहले प्रशिक्षण ले चुके थे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ बल्कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं। एससीईआरटी के अधिकारियों ने इसकी शिकायत प्रदेश सरकार से की थी। कार्यशाला पर एक लाख रुपये खर्च
एससीईआरटी सोलन में सालभर करीब 50 प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जाती हैं। कार्यशाला में 60 शिक्षकों को बुलाया जाता है। कार्यशाला में औसतन 50 शिक्षक ही पहुंचते हैं। एक कार्यशाला पर करीब एक लाख रुपये खर्च आता है जिसमें शिक्षकों का टीए, डीए भी शामिल होता है।