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फर्जी डिग्रीधारकों की बढ़ेगी मुश्किल, गिरफ्तारियां जल्द

राज्य ब्यूरो शिमला हिमाचल प्रदेश के सुल्तानपुर स्थित निजी विश्वविद्यालय मानव भारती ने फर्जी डिगि

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 06:46 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 06:46 PM (IST)
फर्जी डिग्रीधारकों की बढ़ेगी मुश्किल, गिरफ्तारियां जल्द
फर्जी डिग्रीधारकों की बढ़ेगी मुश्किल, गिरफ्तारियां जल्द

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश के सुल्तानपुर स्थित निजी विश्वविद्यालय मानव भारती ने फर्जी डिग्रियां हासिल करने वाले अब जल्द नपेंगे। इन लोगों की मुश्किल बढ़ने वाली है और जल्द ही गिरफ्तारिया होने के आसार हैं।

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अब तक दिल्ली, जम्मू- कश्मीर, उत्तर-प्रदेश, मध्य- प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा आदि कई राज्यों के 70 से अधिक डिग्रीधारकों, संदिग्ध एजेंटों से पूछताछ हुई है। यह पूछताछ सीआइडी की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग के माध्यम से की जा रही है। इसके लिए सोलन को सेंटर बनाया गया है। इस दौरान पूछताछ में मनी लॉड्रिग से लेकर कई पहलुओं को जांचा जा रहा है। डिग्रियां किसने प्राप्त की, कौन पैसे लेता था, कितने में एक डिग्री खरीदी, किसके साथ लेन-देन हुआ, इन सब बातों के पुख्ता सुबूत एकत्र किए जा रहे हैं। काफी सुबूत जुटा भी लिए गए हैं।

एजेंट किन-किस राज्य में फैले हुए थे? इनके जाल में कौन फंसा? कितना पैसा बिचौलिये डकार गए? इससे जुड़े तीखे सवालों को डिग्रीधारकों को रोजाना सामना करना पड़ रहा है। पूछताछ रोज हो रही है। इनके अलावा सात से अधिक राज्यों में जांच टीमें कार्य कर रही है। जहां-जहां दबिश दी गई, वहां के डाटा को कम्पाइल किया जा रहा है।

विशेषज्ञों की ली जा रही मदद

जांच कार्य में फॉरेंसिक साइंस के विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में फॉरेंसिक साइंस प्रयोगशाला जुन्गा के निदेशालय को भी पत्र लिखा गया है। इससे पहले पुलिस की एसआइटी ने भी फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली थी। अब तक की जांच से पता चला है कि मानव भारती ने देश के 27 राज्यों में हजारों फर्जी डिग्रियां बांटी है। जिन- जिन व्यक्तियों ने डिग्रियां ली, उनकी सूची तैयार की जा रही है। कौन-कौन हैं एसआइटी में

सीआइडी की एसआइटी के मुखिया एडीजीपी एन वेणुगोपाल बनाए गए हैं। इसी में ही ईडी और आयकर विभाग के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। डिग्री बेचकर अर्जित की गई संपत्ति ईडी, आयकर के निशाने पर है। एसआइटी में 40 से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल किए गए हैं। सबका फोकस इसी केस को सुलझाने पर है।


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