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दोबारा दाखिले पर फीस वसूली तो एनओसी रद

बेहतर शिक्षा देना का दावा करने वाले निजी स्कूल प्रदेश सरकार के निर्देशों को ही नहीं मान रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 07:32 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 08:40 PM (IST)
दोबारा दाखिले पर फीस वसूली तो एनओसी रद

राज्य ब्यूरो, शिमला : बेहतर शिक्षा देना का दावा करने वाले निजी स्कूल प्रदेश सरकार के निर्देश ही नहीं मान रहे हैं। राज्य सरकार के निर्देश के बावजूद अधिकतर निजी स्कूल बच्चों के री-एडमीशन के दौरान फीस वसूल रहे हैं। हालांकि प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों को दोबारा दाखिले पर एडमीशन फीस वसूलने पर रोक लगाई है। इसे लेकर उच्चतर शिक्षा निदेशालय को भी निजी स्कूलों द्वारा दोबारा एडमीशन फीस वसूलने की शिकायतें मिल रहे हैं। कांगड़ा, सोलन सहित अन्य जिलों में स्थित निजी स्कूल में से अधिकतर दोबारा दाखिले पर फीस वसूल रहे हैं। जब कोई अभिभावक इसके खिलाफ आवाज उठाता है तो उनके बच्चे के दाखिले में दिक्कत की बात कहकर उसे चुप करवा दिया जाता है। कुछ अभिभावकों ने उच्चतर शिक्षा निदेशालय को भी शिकायतें सौंपी हैं। रद होगी एनओसी

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अब यदि कोई निजी स्कूल दोबारा दाखिला फीस वसूलता पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। प्रदेश सरकार के निर्देश की अवहेलना करने वाले स्कूलों की एनओसी को रद कर दी जाएगी। ऐसे में उक्त निजी स्कूल बंद करना होगा। निजी स्कूलों को प्रदेश सरकार से एनओसी लेनी होती है, इसके बाद ही वह कक्षाएं शुरू करते हैं। निजी स्कूल अब हर शैक्षणिक सत्र में अभिभावकों से दाखिला फीस के नाम पर मनमानी वसूली नहीं कर सकेंगे।

कोई दोबारा फीस मांगे तो यहां करें शिकायत

यदि कोई निजी स्कूल री-एडमीशन के दौरान एडमीशन फीस वसूल रहा है तो उसकी शिकायत उच्चतर शिक्षा निदेशालय में करें। लिखित शिकायत पत्र को निदेशालय के पते पर भी भेज सकते हैं। इसके अलावा ईमेल पर अपनी शिकायत निदेशक को भेज सकते हैं। निदेशालय की ई आइडी और फोन नंबर शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। किस जिले में कितने निजी स्कूल

जिला,स्कूल

कांगड़ा,631

शिमला,378

मंडी,416

सोलन,267

हमीरपुर,218

कुल्लू,195

बिलासपुर,187

सिरमौर,174

चंबा,162

ऊना,149

किन्नौर,45

लाहुल स्पीति,7 -----------

निजी स्कूल बच्चे के दोबारा दाखिले के दौरान फीस नहीं वसूल सकते हैं। यदि कोई निजी स्कूल ऐसा कर रहा है तो उसकी जानकारी निदेशालय और उपनिदेशक को भी दें। जांच के दौरान आरोप सही पाए जाने पर निजी स्कूल की अनापत्ति प्रमाण पत्र रद कर दिया जाएगा।

-डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा, निदेशक, उच्चतर शिक्षा निदेशालय।


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