बेटिया बचाने के लिए जूझती बेटी
जुब्बल की आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता मिथला ने बेटियों को बचाने के लिए अलख जगा रही है साथ ही बिना किसी सहायता के कन्या भ्रूण हत्या खिलाफ अभियान भी छेड़ा है।
यशपाल शर्मा, जुब्बल
जिला शिमला की जुब्बल की इस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का नाम और काम औरों से काफी अलग है। बिना संसाधनों के उन्होंने समाज में बेटियों को बचाने और कन्या भ्रूण हत्या खिलाफ अलख जगा रखी है। भले ही यह कार्यकर्ता मिथला गरीब परिवार से संबंध रखती हों, लेकिन बेटियों से हो रहे भेदभाव और भ्रूण हत्या रोकने के लिए वह अकेली ही मैदान में उतर आई। बच्चों व महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर बेहतरीन काम करने के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। सात जनवरी को दिल्ली में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के हाथों उन्हें सम्मान मिला। इससे क्षेत्र के लोग किशोरियों व गर्भवती महिलाओं तक पहुंचाई सरकारी योजनाएं
मिथला ने बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए सराहनीय भूमिका निभाई है वह घर-घर जाकर बच्चों को आंगनबाड़ी भेजने के लिए प्रेरित करती हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर पंचायतों में जागरूकता अभियान भी चलाया। इसके माध्यम से बेटियों को पुरस्कृत किया गया। लोगों को भ्रूण हत्या रोकने के लिए जागरूक किया। 41 वर्षीय मिथला जुब्बल की रहने वाली हैं और नगर पंचायत जुब्बल आंगनबाड़ी केंद्र में 2003 से कार्यरत हैं। बच्चों को खेल-खेल में करवाती हैं पढ़ाई
मिथला अपने केंद्र में बच्चों को खेल के माध्यम से पढ़ाती हैं। सुबह प्रार्थना करवाकर बच्चों की रुचि के अनुसार अनेक गतिविधियां करवाती हैं। बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाकर देशभक्ति के प्रति प्रेरित करती हैं। वह नौनिहालों के साथ नृत्य करती हैं और बच्चे भी पूरी रुचि लेते हैं।
सरकार ने बच्चों के लिए जो भी योजनाएं चलाई हैं उसका लाभ उठाने के लिए सभी को प्रेरित करती हूं। लोगों को जागरूक करने के साथ पंचायतों में इनके फायदे बताती हूं। बतौर बीएलओ भी कार्य कर रही हूं। युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक कर रही हूं। केंद्र सरकार से पुरस्कार पाकर गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। मुझे शुरू से ही कुछ हटकर करने की ललक थी। पुरस्कार पाने में सुपरवाइजर इंदिरा मोख्टा का बड़ा योगदान है, जिन्होंने मुझे इसके लिए प्रेरित किया।
मिथला, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, नगर पंचायत जुब्बल।
मैं मिथला को शुभकामनाएं देती हूं। आगामी समय में मुझे भी ऐसे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है। आने वाले समय में मैं भी अपने केंद्र पर मन लगाकर कार्य करूंगी।
सीमा पिर्टा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्लावकरा जुब्बल।