Move to Jagran APP

कैसे चलाएं दुकान, धूल से सामान हो रहा खराब

राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता घर घर वोट मांगने के लिए जा रहे है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 04:26 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 06:35 AM (IST)
कैसे चलाएं दुकान, धूल से सामान हो रहा खराब
कैसे चलाएं दुकान, धूल से सामान हो रहा खराब

जागरण संवाददाता, शिमला : राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता घर-घर वोट मांगने के लिए जा रहे हैं। ऐसे में मतदाता मूलभूत सुविधाओं पर कार्यकर्ताओं को घेर रहे है। संजौली बाजार में कुछ ऐसा ही व्यापारी कर रहे हैं। लंबे समय से दुकानदारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बाजार में उठती धूल, अवैध पार्किंग और जाम के कारण कारोबार चौपट हो रहा है। तहबाजारियों की तादाद दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस कारण राहगीरों को चलने में दिक्कत आती है। सड़क के साथ सटा कर तहबाजारी अपना कारोबार कर रहे हैं। अगर नगर निगम के कर्मचारी कोई कार्रवाई करने के लिए आएं तो नेताओं के फोन आने शुरू हो जाते है। अभी संजौली चौक पर टाइल लगाने का कार्य चला हुआ था। इस वजह से जाम लगता रहा। दुकानदारों के साथ राहगीरों को परेशानियां हुई। ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक प्लान बदल दिया था। लोकसभा चुनाव के बहाने लोग पार्टी कार्यकर्ताओं को स्थानीय मुद्दों पर घेरने में लगे हुए हैं।

loksabha election banner

...........

दुकानदारी करना मुश्किल हो गया है। सड़क से उठने वाली धूल के कारण हमारी सब्जियां खराब हो जाती हैं। कारोबार चौपट हो रहा है। वोट मांगने तो सभी आते हैं, लेकिन काम करवाने के लिए कोई भी आगे नहीं आता है।

-संजय, दुकानदार।

............. हम रोज दिहाड़ी लगाकर कमाते हैं, लेकिन बाजार में जाम के कारण लोग रुकते ही नहीं हैं। चौक पर टाइलें लगाने का काम चला हुआ है। 15 दिन से काम चला है। सारे दुकानदार परेशान हो गए हैं। रोजी रोटी नहीं कमाएंगे तो घर कैसे चलाएंगे। जाम की समस्या से तो कभी निजात मिली ही नहीं है।

-आरिफ, दुकानदार।

..........

सुबह से शाम दुकान पर बैठना मुश्किल हो गया है। जो सामान दुकान के बाहर सजता है। धूल के कारण खराब हो रहा है। काफी नुकसान इससे हो रहा है। वोट मांगने के लिए सब आ रहे हैं। जब हम ये मांगें सामने रखते हैं तो कहते हैं सब हो जाएगा। आप वोट दीजिए ।

-शारदा शर्मा, दुकानदार। यहां सब वोट मांगने आते हैं, लेकिन अगर सुविधाओं की बात करें तो एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते हैं। एमसी से लेकर केंद्र तक भाजपा सत्ता में है, लेकिन पिछले डेढ़ साल में बाजार में क्या सुधार हुआ है, इसका आंकलन बाजार की हालत देखकर लग ही सकता है।

-रवि कुमार, स्थानीय निवासी।

------

अब तो गर्मियां आ गई हैं। बाजार में धूल के कारण कारोबार करना मुश्किल हो गया है। ग्राहक दुकानों में खड़े ही नहीं होते हैं। टाइलों के काम के कारण काफी दिक्कतें पेश आई है।

विपिन, स्थानीय निवासी।

-------

शहर में पार्किंग की समस्या काफी है। पार्किंग बनी है, लेकिन उसके दाम के हिसाब से गाड़ी की किश्त के बराबर बन जाता है। एक पार्किंग के अलावा कोई और सुविधा भी नहीं है।

राजेश शर्मा, स्थानीय निवासी।

------

तहबाजारियों को बैठने के लिए कोई उचित स्थान नहीं दे पाई है। लंबे समय से कहा जा रहा है कि सर्वे के आधार पर स्थान मिलेगा। मगर आजतक नहीं मिल पाया है। रोजगार कमाने के लिए कोई निश्चित स्थान होना चाहिए।

-राजेंद्र सूद, स्थानीय निवासी।

------

बाजार में चल नहीं सकते हैं। मनमर्जी से लोग गाड़ियां पार्क कर देते हैं। इस कारण जाम लग जाता है। अगर बाजार में पुलिस कर्मी न हो तो पूरी तरह बाजार जाम से बंद हो जाएगा। तहबाजारियों की तादाद इतनी बढ़ गई है कि लोगों को पैदल चलने के लिए रास्ता नहीं रहता है।

-विकास थाप्टा, स्थानीय निवासी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.