शिमला के सरकारी कार्यालय तैयार करेंगे बिजली
शिमला के सरकारी कार्यालयों में अब बिजली तैयार की जाएगी।
- 67 सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सरकारी उपक्रम हिम ऊर्जा के माध्यम से कार्य करवाया जाएगा
- 13 करोड़ रुपये होंगे प्रोजेक्ट पर खर्च, दो साल से बनाई जा रही थी योजना, अगले महीने से लगाने का काम होगा शुरू
- 02 किलो वॉट विद्युत क्षमता के होंगे ये पावर प्लांट, केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने सोलर रूफ टॉप लगाने की चलाई है योजना
- 01 किलोवॉट पर 60 हजार रुपये का आता है खर्च, ग्रिड कनेक्टेड में पैदा की गई बिजली को बेचा जा सकता है अनिल ठाकुर, शिमला
पर्यावरण संरक्षण और बिजली बचत की दिशा में सरकारी भवन अब नई मिसाल पेश करने जा रहे हैं। राजधानी शिमला में 67 सरकारी कार्यालय अपने लिए खुद बिजली पैदा करेंगे। कार्यालय में बिजली बल्ब, ट्यूब और हीटर के अलावा कंप्यूटर इसी बिजली से चलेंगे। इसके अलावा जो बिजली बचेगी उसे बिजली बोर्ड को बेच दिया जाएगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सरकारी उपक्रम हिम ऊर्जा के माध्यम से इस कार्य को करवाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर करीब 13 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। दो साल से इस प्रोजेक्ट पर योजना बनाई जा रही थी। अब सर्वे से लेकर अन्य तरह की औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और अगले महीने से इन्हें लगाने का काम शुरू होगा।
दो किलो वॉट विद्युत क्षमता के ये पावर प्लांट होंगे। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने सोलर रूफ टॉप लगाने की योजना चलाई है। बिजली बचत के लिए यह काफी कारगर है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बगैर बिजली पैदा करने की दिशा में यह अहम पहल होगी। इस तरह की योजना को शुरू करने वाला शिमला प्रदेश का पहला शहर बनेगा। ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफ टॉप लगाने का खर्च एक किलोवॉट पर करीब 60 हजार रुपये आता है। ग्रिड कनेक्टेड में पैदा की गई बिजली को बेचा जा सकता है। अभी इन भवनों में लगे हैं सोलर रूफ टॉप
शिमला में हिमाचल प्रदेश सचिवालय, पंचायत भवन, हिप्पा, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, प्रदेश उच्च न्यायालय व डीसी ऑफिस में भी सोलर पावर प्लांट लगाए गए हैं, लेकिन ये सब ऑफ ग्रिड हैं। ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट को शिक्षा, पुलिस, नगर निगम, जल शक्ति, लोक निर्माण विभाग के अलावा अन्य सभी सरकारी कार्यालयों में लगाने की योजना है। बारिश और बर्फबारी में नहीं सताएंगे बिजली कट
इस प्रोजेक्ट पर बिजली बोर्ड, हिम ऊर्जा और स्मार्ट सिटी मिलकर काम करेंगे। ग्रिड से कनेक्ट करने का काम बिजली बोर्ड का है। जबकि प्रोजेक्ट हिम ऊर्जा लगाता है। पूरा बजट स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत खर्च होगा। ग्रिड कनेक्टिंग यानी रूफ टॉप लगने के बाद नेट मीटरिग की जाती है। इसमें पैदा होने वाली बिजली को विभाग रोजाना के इस्तेमाल में खर्च करेंगे। जितनी बिजली बचेगी उसे ग्रिड के माध्यम से बेच दिया जाएगा। इससे जहां विभागों को आने वाले महीने के लाखों के बिजली बिल से छुटकारा मिलेगा, वहीं अतिरिक्त आय भी होगी। बारिश व बर्फबारी के दौरान लगने वाले पावर कट की भी चिंता नहीं होगी, क्योंकि सौर ऊर्जा से खुद बिजली पैदा होगी। दो साल पहले शिमला में लगे प्लांट में मिली थी सफलता
राजधानी शिमला स्थित पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में हाल ही में 35 किलोवॉट का सोलर ऑन ग्रिड पावर प्लांट लगाया गया है। इस पर करीब 20 लाख रुपये खर्च आया था। इसमें मिली सफलता के बाद अन्य विभागों में भी लगाने की योजना बनाई गई थी। अब स्मार्ट सिटी के तहत इसे सिरे चढ़ाया जा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शिमला शहर में 67 सरकारी भवनों में ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफ टॉप प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अगले महीने से इन्हें स्थापित करने का काम शुरू हो जाएगा।
नीरज चांदला, जीएम स्मार्ट सिटी शिमला।