उपनगरों में मार्च में गहराने लगा पेयजल संकट
जागरण संवाददाता शिमला शहर के उपनगरों में मार्च में ही पेयजल संकट गहराने लगा है। लंबे
जागरण संवाददाता, शिमला : शहर के उपनगरों में मार्च में ही पेयजल संकट गहराने लगा है। लंबे समय से सूखा होने के कारण पेयजल स्रोतों में पानी 50 फीसद तक कम हो गया है। राजधानी शिमला के उपनगरों में गर्मी की दस्तक दिए बगैर ही पानी की किल्लत सताने लगी है। लंबे समय से चल रहे सूखे के कारण पेयजल स्रोतों में पानी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इन दिनों टुटू, मज्याठ, शिवनगर से लेकर साथ लगते क्षेत्रों में स्थिति बिगड़ी है। यहां पर लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
कुछ पेयजल स्त्रोतों में 18 घंटों के बजाय आठ से 10 घंटे ही पानी की लिफ्टिंग हो पा रही है। पहले जहां 10 से 12 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) पानी रोजाना लिफ्ट किया जाता था अब पांच से छह एमएलडी पानी मिल रहा है। इस कारण लोगों को पानी की सप्लाई कहीं तीसरे तो कहीं चौथे दिन मिल रही है। विभाग भले ही पानी की आपूर्ति माकूल होने का दावा करे, लेकिन यहां लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। मार्च के शुरू में ही पानी की सप्लाई के ये हाल हैं तो मई-जून में समस्या विकराल होने की आशंका दिख रही है। पार्षद ने अधिकारियों को करवाया स्थिति से अवगत
इस मसले पर मज्याठ वार्ड के पार्षद दिवाकर देव शर्मा ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्हें स्थिति से अवगत करवाया गया है। उनका आरोप है कि उनके वार्ड में कई क्षेत्रों में चौथे दिन पानी की सप्लाई आ रही है। सप्लाई भी महज एक घंटे के लिए दी जा रही है। इससे लोगों को पानी के लिए निजी टैंकर या अन्य किसी साधन पर निर्भर होना पड़ रहा है। यदि अभी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कदम समय पर नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में स्थिति और विकराल हो सकती है। कम हुआ जलस्तर, सरकार को भेजा है वैकल्पिक प्रस्ताव : विभाग
जल शक्ति विभाग के एक्सईएन राकेश वैद्य का कहना है कि कई जगह पेयजल स्रोतों का स्तर गिरा है। अगर समय पर बारिश नहीं हुई तो संकट आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है। इसके बावजूद विभाग ने गर्मियों में पानी की समस्या से निपटने के लिए एक वैकल्पिक प्लान मंजूरी के लिए सरकार को भेज दिया है। इसमें साथ लगते स्त्रोतों से पानी उठाने और टैंकर से सप्लाई का प्लान शामिल है। अभी शहर में हालात सामान्य, आने वाले समय में गहरा सकता है संकट
शहर में अभी तो पानी की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में शिमला जल प्रबंधन निगम को मिल रही है। आने वाले समय में गर्मियां बढ़ती हैं तो स्त्रोतों के स्तर पर असर पड़ने की उम्मीद है। वहीं शहर में गर्मियों में सैलानियों की संख्या बढ़ने के बाद डिमांड भी पहले के मुकाबले ज्यादा हो जाएगी। ऐसी स्थिति में शहर के लिए भी निगम को विकल्प के तौर पर और काम करने की जरूरत है। अभी शहर को रोजाना 42 एमएलडी पानी को औसतन मिल रहा है।