हड्डी रोग से पीड़ितों को मिलेगी राहत
हड्डी रोग से पीड़ित कई लोग रोजाना सिविल अस्पताल रोहड़ू आते हैं।
जितेंद्र मेहता, रोहड़ू
हड्डी रोग से पीड़ित कई लोग रोजाना सिविल अस्पताल रोहड़ू आते हैं। इनमें से तीन से पांच मरीज ऐसे होते हैं जिनकी सर्जरी होनी होती है। ऐसे मरीजों को शिमला रेफर करना मजबूरी हो जाती है। सिविल अस्पताल में सी आर्म मशीन की दरकार है। मरीजों को बेहतर ऑर्थो सुविधाएं देने के लिए प्रशासन ने अस्पताल में सी आर्म मशीन को स्थापित करने की कवायद शुरू कर दी है।
अस्पताल में 20 लाख की लागत से सी आर्म मशीन स्थापित होगी। यह सुविधा मिलने से लोगों को आर्थिक रूप से नुकसान नहीं होगा। उन्हें हड्डी रोग से संबंधित इलाज के लिए शिमला नहीं जाना पड़ेगा। अस्पताल में इस मशीन के स्थापित होने से हड्डियों में आने वाले फ्रेक्चर का ऑपरेशन प्रभावी रूप से करने में सुविधा होगी। हड्डी रोग विशेषज्ञ के अनुसार जब किसी बड़ी हड्डी में फ्रेक्चर होता है तो आमतौर पर उसे एक्स-रे की सहायता से जांचा जाता है। हाथ व पैर की अंगुलियों की हड्डी में छोटा फ्रेक्चर एक्स-रे में सामने नहीं आ पाता है। इसके लिए आधुनिक सी आर्म मशीन ऑर्थो डॉक्टर के लिए काफी उपयोगी रहती है। इस मशीन के होते ऐसे मरीजों की सर्जरी करने के लिए अस्पताल में एनेस्थीसिया डाक्टर व विशेषज्ञ की जरूरत नहीं होती है।
सी आर्म मशीन ऑर्थो डाक्टरों के लिए बहुत कारगर साबित होगी। इस मशीन से हड्डी की सर्जरी में बिना किसी चीरफाड़ के इमेजिग प्रणाली के साथ सटीक बिदु पर फ्रेक्चर को देखने, उसे जोड़ने, रॉड व प्लेट डालकर प्रभावी उपचार करने में सहायता मिलती है।
------------ हड्डियों के टूटने पर इसकी सही जांच करने के बाद सर्जरी करने में सी आर्म मशीन कारगर सिद्ध होगी। इस मशीन के स्थापित होने से समय बचेगा और रोगी का गुणात्मकता के साथ इलाज संभव हो पाएगा।
-डा. हरि मोहन, ऑर्थो विशेषज्ञ
---------- सिविल अस्पताल रोहड़ू में रोहड़ू उपमंडल के साथ उत्तराखंड से भी मरीज आते हैं। अस्पताल में हड्डी रोग से पीडि़त कई मरीज आते हैं। यहां सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही हैं। इस कारण हड्डी रोग से पीड़ित मरीज अस्पताल आते हैं। सी आर्म मशीन स्थापित होने से विशेषज्ञों की कार्यशैली में भी दक्षता आएगी।
-डा. रविद्र शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, सिविल अस्पताल रोहड़ू।