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शिमला में बिजली, संपत्ति पंजीकरण व शराब होगी महंगी

जागरण संवाददाता शिमला महंगाई से जूझ रही शहर की जनता पर नगर निगम प्रशासन ने महंगी बिज

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 04:01 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 04:01 PM (IST)
शिमला में बिजली, संपत्ति पंजीकरण व शराब होगी महंगी
शिमला में बिजली, संपत्ति पंजीकरण व शराब होगी महंगी

जागरण संवाददाता, शिमला : महंगाई से जूझ रही शहर की जनता पर नगर निगम प्रशासन ने महंगी बिजली का बोझ डाल दिया है। नगर निगम शिमला ने बिजली पर लगने वाले सैस को दोगुना कर दिया है। अभी तक बिजली पर 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से सैस लगता था, वित्तीय वर्ष 2021-22 में इसे बढ़ाकर 20 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है। नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल ने वीरवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट भाषण में इसकी घोषणा की है। इससे निगम को सालाना 1.75 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी। घाटे से उबरने के लिए नगर निगम ने सैस को बढ़ाने का निर्णय लिया है।

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निगम ने शराब की बोतल पर सैस को दो से बढ़ाकर पांच रुपये कर दिया है। इससे निगम को दो करोड़ की अतिरिक्त आय होगी। शहर की जनता पर निगम ने एक और बोझ बढ़ाया है। नगर निगम ने शहर में अचल संपत्तियों के पंजीकरण पर स्टैंड ड्यूटी लगाने की व्यवस्था को दोबारा शुरू करने की घोषणा की है। दो फीसद स्टैंड ड्यूटी लगेगी। इससे संपत्तियों का पंजीकरण करवाना महंगा हो जाएगा। इससे निगम को एक करोड़ की सालाना आय होगी। कुरियर सेवा भी होगी महंगी

शहर में कुरियर सेवा भी महंगी होगी। नगर निगम ने अपने बजट में बड़ी कंपनियों के कुरियर पर पांच रुपये प्रति कुरियर शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि कुरियर का नुकसान स्थानीय दुकानदारों को होता है। ये दुकानदार टैक्स व लाइसेंस फीस निगम को देते हैं। ऐसे में निगम ने कंपनियों पर पांच रुपये प्रति कुरियर लगाने का निर्णय लिया है। हालांकि यह तय है कि कुरियर कंपनियां इसकी वसूली जनता से ही करेंगी। निगम की दुकानों का बढ़ेगा किराया

शिमला नगर निगम की परिधि में छोटे-बड़े वाहनों की पार्किग का निर्माण किया जा रहा है। इन पार्किग को खुली बोली द्वारा आवंटित किया जाएगा। इससे निगम को 10 करोड़ की सालाना आय होगी। बोली के लिए निगम विशेष अभियान चलाएगा। नगर निगम लीज पर दी गई संपत्तियों और दुकानों का किराया नए सिरे से तय करेगा। किराये की दर बाजार की कीमत के आधार पर तय होगी। आय बढ़ाने के लिए निगम अपनी भूमि का व्यावसायिक रूप से प्रयोग करेगा। शहर में ऐसी भूमि का चयन किया जाएगा जिसका निगम व्यावसायिक रूप से प्रयोग कर सकते हैं। इससे निगम की आय में बढ़ोतरी होगी।


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