अब अपराध पर होगा संस्कार से वार
राज्य ब्यूरो शिमला महिला एवं बाल अपराधों की रोकथाम के लिए आंगनबाड़ी संस्कारों की पाठ
राज्य ब्यूरो, शिमला : महिला एवं बाल अपराधों की रोकथाम के लिए आंगनबाड़ी संस्कारों की पाठशाला चलाएगी। प्रदेशभर में करीब 38 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता व सहायिकाएं इसमें भूमिका निभाएंगी। वे आधी आबादी को जागरूक करेंगी।
यह पहल राज्य क्राइम इंवेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (सीआइडी) करेगा। सीआइडी इस सिलसिले में राज्यव्यापी जागरूकता अभियान शुरू करेगी। लागू होने की तारीख जल्द तय होगी। इसमें महिला मंडलों की कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों का भी सहयोग लिया जाएगा। शैक्षणिक संस्थाओं में बच्चों को जागरूक करने के लिए आनलाइन प्रतियोगिताएं होंगी। डीजीपी संजय कुंडू चाहते हैं कि आधी आबादी पर दुष्कर्म, यौन शोषण जैसी घटनाएं घटित ही न हों। पुलिस अपराध घटित होने के बाद कानूनी कार्रवाई शुरू करती है, लेकिन सोच यही है कि अपराध पैदा ही न हों। इसके पैदा होने के कारणों पर चोट की जाए। सीआइडी के एडीजीपी एन वेणुगोपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले कई वर्षो से दुष्कर्म, बाल यौन शोषण के मामलों में वृद्धि हो रही है। इसके कई कारण हैं। इंटरनेट तक आसान पहुंच भी अपराधों को जन्म दे रहा है।
एडीजीपी ने माना कि ऐसी घटनाओं से समाज में महिलाओं, बच्चों में असुरक्षा की भावना पनपती है। इनमें सुरक्षा की भावना रहे, ये पहले से अधिक सुरक्षित हों, इसके लिए बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। सोशल मीडिया को जागरूकता के औजार के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। कानूनी पहलुओं की भी देंगे जानकारी
इस अभियान के दौरान महिलाओं को कानूनी पहलुओं की भी जानकारी देंगे, अगर उनके साथ अपराध घटित होता है तो तत्काल पुलिस को सूचित करें। इसके लिए हेल्पलाइन या एसएमएस सेवा की भी मदद ले सकती हैं। गुड़िया हेल्पलाइन में काल कर सकती है।
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अभियान के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, निदेशक महिला एवं बाल विकास की ओर से तीन लाख की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। यह पैसा प्रतियोगता करवाने में भी मददगार साबित होगा।
-एन वेणुगोपाल, एडीजीपी, सीआइडी।