संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए भूमि तलाश रही सरकार
प्रदेश में जल्द संस्कृत विश्वविद्यालय खुलेगा सरकार इसके लिए भूमि की तल
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश में जल्द संस्कृत विश्वविद्यालय खुलेगा, सरकार इसके लिए भूमि की तलाश कर रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह जानकारी हिमाचल प्रदेश संस्कृत अकादमी की बैठक में दी। सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के लिए भी सबसे अच्छी भाषा माना जाता है। संस्कृत विद्वानों और संस्कृत अकादमियों को संस्कृत को सामान्य भाषा बनाने के लिए सुझाव के साथ आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने संस्कृत भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा प्रदान किया है, क्योंकि यह भाषा अपनी शब्दावली, साहित्य, विचारों, भावों और मूल्यों में समृद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रदेश सरकार के निर्णय की सराहना की है। जयराम ने कहा कि विश्व में भी संस्कृत के प्रति भी रुझान बढ़ा है। संस्कृत को और सरल और व्यवहारिक बनाने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि इसे लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया जा सके।
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संस्कृत को दूसरी राजभाषा बनाने वाला हिमाचल दूसरा राज्य
शिक्षा मंत्री और संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष सुरेश भारद्वाज ने कहा कि संस्कृत को दूसरी भाषा का दर्जा देने वाला हिमाचल उत्तराखंड के बाद दूसरा राज्य है। प्रदेश सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि स्कूली विद्यार्थियों के पास संस्कृत भाषा को चुनने का पर्याप्त अवसर हो। सचिव हिमाचल प्रदेश संस्कृत अकादमी डॉ. भक्त वत्सल ने अकादमी की गतिविधियों की जानकारी दी। बैठक में प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, सचिव शिक्षा डॉ. राजीव शर्मा, निदेशक शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा भी मौजूद रहे।