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स्वास्थ्य निदेशालय में बिना सैंपल टेंडर मंजूर

स्वास्थ्य निदेशालय में लाखों रुपये का टेस्टिग किट का बेंडर बना सैंपल लिए मंजूर किया गया है। इसकी स्वीकृति निलंबित स्वास्थ्य निदेशक डा. अजय कुमार गुप्ता के समय में दी गई है। टेंडर के आवंटन की शर्त में सैंपल लेना जरुरी होता है। कोरोना काल के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों में स्वास्थ्य

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 07:20 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 06:11 AM (IST)
स्वास्थ्य निदेशालय में बिना सैंपल टेंडर मंजूर
स्वास्थ्य निदेशालय में बिना सैंपल टेंडर मंजूर

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला

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स्वास्थ्य निदेशालय में लाखों रुपये की टेस्टिग किट का टेंडर बिना सैंपल लिए मंजूर किया गया है। इसकी स्वीकृति निलंबित स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अजय कुमार गुप्ता के समय में दी गई है। स्वास्थ्य निदेशालय ने टेस्टिग किट के लिए निविदाएं आमंत्रित की, लेकिन कई कंपनियों को इसलिए बाहर कर दिया कि उनके सैंपल ही नहीं थे और जिस कंपनी के लिए स्वीकृति दी गई उसका सैंपल ही नहीं लिया गया।

कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा करोड़ों की खरीदारी की गई। इसमें वेंटीलेटर, एन-95 मास्क, सर्जिकल मास्क, सेनेटाइजर और पीपीई कीट की खरीदारी की थी। अस्पतालों में कोरोना की जांच के लिए टेस्टिग किट खरीदी जानी थी और इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए गए। स्वास्थ्य निदेशालय ने विभिन्न उपकरणों व सामान की खरीदारी के लिए आमंत्रित किए टेंडर की अवधि को भी बढ़ाया था। ज्यादा कंपनियां निविदाओं में शामिल हों इसके लिए नियमों में भी बदलाव किया गया, जिसमें ऑनलाइन निर्धारित राशि को जमा करवाया जा सके। इसकी व्यवस्था की गई। टेस्टिग किट की आपूर्ति के लिए मंजूर किए गए टेंडरों को लेकर कंपनियों ने भी आपत्ति जताई थी।

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पांच स्थानों पर हो रही कोरोना की जांच

प्रदेश में इस समय पांच स्थानों पर कोरोना सैंपल की जांच हो रही है। इनमें आइजीएमसी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा, लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल मंडी स्थित नेरचौक, सीआरआइ कसौली, आइएचबीटी पालमपुर शामिल है। अभी तक 28 हजार से अधिक सैंपल की जांच की जा चुकी है।

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रेपिड टेस्टिग किट की आपूर्ति के लिए स्वास्थ्य निदेशालय ने टेंडर स्वीकृत किए थे। इन्हें रद कर दिया है। केंद्र सरकार ने मना किया है कि रेपिड टेस्टिग किट से जांच की आवश्यकता ही नहीं है।

-आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य।


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