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योगासन व प्राणायाम से कम करें जोड़ों का दर्द

सर्दियों के दिनों में तिल व गुड़ के लड्डू शरीर को स्वस्थ्य रखेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 03:41 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 03:41 PM (IST)
योगासन व प्राणायाम से कम करें जोड़ों का दर्द
योगासन व प्राणायाम से कम करें जोड़ों का दर्द

जानकारी

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- बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक में आम हुए हड्डी रोग

- खाने में तेल व वसा का अधिक सेवन शरीर को बना रहा अस्वस्थ

- धूप में बैठने से मिलता है जोड़ों के दर्ज व सूजन से राहत साप्ताहिक साक्षात्कार

सर्दियां आते ही लोगों में जोड़ों के दर्द की समस्या अधिक देखने को मिलती है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है दर्द भी बढ़ जाता है। वहीं सुबह की गुनगुनी धूप को विटामिन डी का एक अच्छा स्त्रोत माना जाता है। ठंड के दिनों में यदि विटामिन डी की भरपूर खुराक ली जाए तो कमर दर्द और जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिलता है। धूप हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है। धूप में बैठने से रक्तशोध बढ़ता है और जोड़ों के दर्द और सूजन से मुक्ति मिलती है। आधुनिक जीवनशैली में बिगड़े हुए खानपान के साथ अपने शरीर को कैसे स्वस्थ रखा जाए, इस विषय पर दैनिक जागरण ने शिमला के रिपन अस्पताल के एमएस व हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. लोकेंद्र शर्मा से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश।

जागरण संवाददाता, शिमला। सर्दियों में हड्डियों व जोड़ों का दर्द बढ़ने का क्या मुख्य कारण है?

सर्दियों के दौरान तापमान में कमी के चलते जोड़ों की नसें सिकुड़ती हैं और रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। इसके चलते जोड़ों में अकड़न होने के साथ दर्द होने लगता है। उम्र के साथ हड्डियों से कैल्शियम और अन्य खनिज पदार्थो का क्षरण होने लगता है। इसलिए सर्दियों की धूप जरूर लेनी चाहिए। जोड़ों के दर्द से बचने के क्या उपाय हैं?

जोड़ों के दर्द से निजात दिलाने के लिए योगासन और प्राणायाम मदद करते हैं। आमतौर पर दिन में कई घंटों तक एक ही कुर्सी और कंप्यूटर के आगे बैठे-बैठे शरीर अकड़ जाता है। कोशिश करें कि काम के समय हर आधे या एक घंटे के बाद हाथ व पांव स्ट्रैच करें और अपनी आंखों को आराम दें। सुबह की सैर व कसरत करें। अस्पताल में रोजाना कितने मरीज हड्डी रोग से पीड़ित पाए जाते हैं?

इन दिनों रोजाना 350 से 400 मरीज ऑर्थो ओपीडी में अपना इलाज करवाने पहुंचते हैं। इसमें अधिकतर मरीज जोड़ों के दर्द से पीड़ित होते हैं। पहले के समय में केवल 40 से अधिक आयु वर्ग के लोगों को जोड़ों व हड्डियों के दर्द की शिकायत होती थी। बुजुर्गो के अलावा आजकल छोटे बच्चों से लेकर बड़ी आयु के लोगों में हड्डी रोग देखे जा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण वर्तमान समय की जीवनशैली और खानपान है। खाद्य पदार्थो में तेल व वसा का अधिक सेवन शरीर को अस्वस्थ बना रहा है। बच्चे घर पर बने भोजन के बजाय जंक फूड को प्राथमिकता दे रहे हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खानपान में क्या बदलाव करें?

- सर्दियों के दिनों में तिल व गुड़ के लड्डू शरीर को स्वस्थ रखेंगे। इसमें कैल्शियम सहित आयरन हड्डियों को मजबूत रखेगा और शरीर को गर्म रखेगा। सफेद चीनी के बजाय ब्राउन शुगर या गुड़ का इस्तेमाल बेहतर है। भोजन में हरी सब्जियां व दालों का भरपूर सेवन करें। इसके अलावा खुश रहना भी शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। हमेशा सकारात्मक सोच रखें।


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