विदेश दौरे से लौट अधिकारियों को बताना होगा क्या सीखा
सैर सपाटा करने के लिए विदेश दौरों पर जाने वाले अधिकारियों के लिए अच्छी खबर नहीं है। अब विदेश में सैर करने के साथ-साथ कुछ सीख कर ही वापस आना पड़ेगा। क्योंकि सरकार ने नया फरमान जारी कर दिया है कि विदेश जाने वाला प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी बताएगा क्या सीखकर आया है। इसके लिए सचिवालय से बाकायदा पत्र निकाला गया है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : सैर सपाटा करने के लिए विदेश दौरों पर जाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर नहीं है। उन्हें अब विदेश में सैर करने के साथ-साथ कुछ सीख कर ही वापस आना पड़ेगा। प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया है कि विदेश दौरे पर जाने वाले हर अधिकारी व कर्मचारी को वापस आने पर बताना होगा कि उन्होंने वहां क्या सीखा है। इसके लिए सचिवालय की ओर से पत्र जारी किया गया है।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने सभी सरकारी विभागों के अध्यक्षों, संस्थानों व आला अधिकारियों को पत्र जारी किया है। पत्र में लिखा गया है कि विदेश जाने वाले अधिकारी व कर्मचारी वहां से लौटकर आधिकारिक स्तर पर प्रेजेंटेशन देंगे। विदेश दौरे में क्या सीख कर आए हैं और उससे प्रदेश के लोगों को किस तरह का लाभ मिल सकता है, उन्हें इसका ब्लू प्रिट देना पड़ेगा। इसके अलावा विदेश में जो कुछ सीखा है, उसे छह महीने के भीतर धरातल पर उतारना पड़ेगा। मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से जारी इस आशय का पत्र सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों, सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ सरकार के सभी विभागों के पास पहुंच गया है। ऐसे में अब अधिकारियों के लिए विदेश दौरा करना आसान नहीं होगा। निदेशक बताएंगे विदेश दौरे का किसानों व बागवानों को क्या होगा लाभ
अमेरिका के दो शहरों कैलिफोर्निया व ओरियान से सेब के पौधे व रूट स्टॉक खरीदकर लौटे बागवानी विभाग के निदेशक डॉ. एमएम शर्मा व विषय मामलों के माहिर राजेश्वर परमार को बताना पड़ेगा कि उन्होंने विदेश दौरे में क्या सीखा और उससे राज्य में किसानों व बागवानों को क्या लाभ होगा। इससे पहले इटली और स्पेन के दौरे पर कृषि विभाग के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, राकेश कंवर, नरेश ठाकुर, बलदेव भंडारी व नरेश शर्मा गए थे। इस दल में कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय भी शामिल थे। वहां पर अधिकारी विपणन से संबंधित प्रणाली का अध्ययन करके वापस आए थे।