हाईटेक होंगे विधायक व अधिकारी
हिमाचल प्रदेश के विधायक और अधिकारी आइटी के साथ कदमताल करते नजर आएंगे। ये भी पूरी तरह से हाईटैक होंगे। विधानसभा सचिवालय ने डिजिटलाइजेशन मुहिम को तेज गति से आगे बढ़ाया है। इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिदल ने सोमवार को प्रदेश के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें विधानसभा के माध्यम ये विकसित सॉफटवेयर ई-कन्सि्टचुअन्सी मेनेजमेंट तथा ई-कमेटी सिस्टम के प्रति उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को जागरूक बनाने के किया गया। इसमें मुख्य सचिव बीके अग्रवाल भी मौजूद रहे।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश के विधायक और अधिकारी सूचना प्रौद्योगिकी के साथ कदमताल करते नजर आएंगे। वे भी पूरी तरह हाईटेक होंगे। विधानसभा सचिवालय ने डिजिटलाइजेशन मुहिम को तेज गति से आगे बढ़ाया है। इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिदल ने सोमवार को प्रदेश के आला अधिकारियों के साथ बैठक की।
विधानसभा के माध्यम से विकसित सॉफ्टवेयर 'ई-कंस्टिचुअंसी मैनेजमेंट' तथा 'ई-कमेटी सिस्टम' के प्रति उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को जागरूक किया गया। डॉ. राजीव बिदल ने कहा कि ई-कंस्टिचुअंसी मैनेजमेंट को प्रदेश के 18 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यान्वित किया गया है। जिला व उपमंडल स्तर पर कार्यालय प्रमुखों को यूजर आइडी व पासवर्ड उपलब्ध करवाए गए हैं। इससे विधायकों की सहायता से लोगों की समस्यओं का समय पर निवारण हो सकेगा। ई-विधान सॉफ्टवेयर में विधायकों को ई-विधान मोबाइल और वेब डैशबोर्ड के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इससे विधायक अपने क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों से संबंधित विभिन्न पत्राचार तथा कार्रवाई की निगरानी कर सकेंगे।
बैठक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी धर्मेश शर्मा ने ई-कंस्टिचुअंसी मैनेजमेंट, ई-कमेटी सिस्टम और विधानसभा द्वारा की जा रही अन्य गतिविधियों के संबंध में प्रस्तुति दी। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता) निशा सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव (आयुर्वेद) संजय गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमान, प्रधान सचिव (शहरी विकास) प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव (सूचना प्रौद्योगिकी) जगदीश चंद्र, प्रधान सचिव (शिक्षा) कमलेश कुमार पंत, विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा समेत कई अधिकारी उपस्थित थे। क्या है ई-कमेटी सिस्टम
ई-कमेटी सिस्टम को विधानसभा कमेटियों और सरकारी विभागों के मध्य कागजरहित पत्राचार के लिए विकसित किया गया है। इस सिस्टम के तहत हाउस कमेटियां संबंधित विभाग को मूल पत्र अथवा ऑनलाइन रिमाइंडर भेज सकती हैं। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से लंबित मामलों, पिछले रिकॉर्ड, रिपोर्टे व सुझाव ऑनलाइन देखे जा सकते हैं। विधानसभा प्रशासन ने की पहल : अग्रवाल
मुख्य सचिव बीके अग्रवाल ने कहा कि उपयोगी सॉफ्टवेयरों को विकसित कर विधानसभा प्रशासन ने पहल की है। उन्होंने आश्वासन दिया कि ऐसी व्यवस्था के माध्यम से जनता के प्रतिनिधियों तथा सरकारी अधिकारियों के बीच एक सुदृढ़ तालमेल कायम होगा। इससे निश्चित तौर पर पूरे प्रदेश में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे।