प्रदेश में बंद हुए तीन निजी बहुतकनीकी संस्थान
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश के युवा बहुतकनीकी संस्थानों में डिप्लोमा कोर्सो में रुचि नहीं दिखा रह
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश के युवा बहुतकनीकी संस्थानों में डिप्लोमा कोर्सो में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इस कारण प्रदेश के निजी क्षेत्र में चल रहे तीन बहुतकनीकी संस्थान बंद हो गए हैं। इन संस्थानों ने अखिल भारतीय तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा परिषद को अवगत करवा दिया है कि वे संस्थान नहीं चलाना चाहते हैं। इसके पीछे तर्क दिया है कि उनके संस्थानों में युवा प्रवेश लेने के लिए नहीं आ रहे हैं। बंद होने वाले संस्थानों में हमीरपुर जिला के दो और मंडी जिला का एक संस्थान है।
तीन साल से प्रदेश में बहुतकनीकी संस्थानों से डिप्लोमा कोर्सो को लेकर युवाओं की रुचि घटती जा रही है। एक सर्वे में सामने आया है कि प्रदेश के युवाओं को दूसरे बेहतर करियर आप्शन उपलब्ध हैं। खास बात यह भी देखने में आई है कि प्रदेश के लोगों का सरकारी संस्थानों पर भरोसा कायम है। अभिभावक बच्चों को सरकारी क्षेत्र के संस्थानों में प्रवेश के लिए प्रेरित करते हैं। निजी क्षेत्र के तकनीकी संस्थानों के समक्ष प्रवेश संबंधी गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
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लाल जी, एमआइटी व गौतम कॉलेज बंद हुए
मंडी जिला के गुटकर में लालजी बहुतकनीकी संस्थान बंद हो गया है। इसी से हमीरपुर जिला का एमआइटी व गौतम गर्ल्स बहुतकनीकी संस्थान प्रबंधन ने बंद करने का निर्णय लिया है। इन संस्थानों को सीटें भरना मुश्किल हो गया था।
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17 निजी व 15 सरकारी संस्थान
प्रदेश में 17 बहुतकनीकी संस्थान हैं, जिनमें से तीन बंद हो गए हैं। अब निजी क्षेत्र में 14 संस्थान रह जाएंगे। 11 संस्थान ऐसे हैं जहां सुबह व दोपहर बाद भी सत्र चलता है। सरकारी क्षेत्र में 15 बहुतकनीकी संस्थान चल रहे हैं। सभी संस्थानों में हर साल 2200 सीटें भर जाती हैं। निजी क्षेत्र की आठ हजार सीटें भरना मुश्किल हो गया है। तकनीकी शिक्षा के संस्थानों की बात की जाए तो आइआइटी मंडी सहित सरकारी क्षेत्र में इंजीनियरिंग के संस्थान हैं। निजी क्षेत्र में 12 इंजीनियरिंग और 147 आइटीआइ सहित कुल 339 तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के संस्थान हैं। हर साल 60 हजार छात्र विभिन्न स्तर पर प्रवेश लेते हैं।
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30 प्रतिशत से कम सीटों वाले संस्थान होंगे बंद
जिन संस्थानों में भी 30 प्रतिशत से कम प्रवेश होगा। ऐसे संस्थान बंद कर दिए जाएंगे। इस आशय के निर्देश अखिल भारतीय तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षण परिषद ने जारी किए हैं।
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हां, इस तरह के मामले सामने आए हैं। निजी क्षेत्र में चल रहे तीन बहुतकनीकी संस्थान बंद करने का निर्णय लिया गया है। दो संस्थान हमीरपुर और एक मंडी का है। युवा पीढ़ी के पास करियर के दूसरे बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं इसलिए निजी क्षेत्र में प्रवेश कम हो रहा है। सरकारी क्षेत्र के संस्थानों में सभी सीटें भर्ती हैं। कंप्यूटर व इलेक्ट्रानिक क्षेत्र में मंदा चल रहा है।
-राजेश्वर गोयल, निदेशक राज्य तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा निदेशालय।