पानी भरपूर, पर लीकेज कौन रोके हुजूर
जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला शहर में पानी की किल्लत एक साल से है और शहरभर में पानी की राशनिंग चल र
जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला शहर में पानी की किल्लत एक साल से है और शहरभर में पानी की राशनिंग चल रही है। पेयजल योजनाओं में पानी की कोई कमी नहीं है। रोजाना पूरा पानी आइपीएच विभाग लिफ्ट कर रहा है लेकिन लीकेज के कारण पानी की ज्यादा बर्बादी हो रही है। इस कारण समस्या गंभीर होती जा रही है। जगह-जगह से पेयजल पाइपों में लीकेज के कारण रोजाना हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह रहा है। इसका खामियाजा जनता को बिना पानी के भुगतना पड़ता है।
लक्कड़ बाजार-भराड़ी मार्ग पर कपिल होटल के सामने मंगलवार सुबह पानी की पाइप फटने के कारण सैकड़ों लीटर व्यर्थ बह गया। सुबह से हो रही लीकेज दोपहर तक होती रही। न तो संबंधित विभाग के कर्मचारियों ने पानी की सप्लाई बंद करने की जहमत उठाई न ही लीकेज प्वाइंट को ठीक किया गया। नतीजन लोगों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ा। यह केवल लक्कड़ बाजार की बात नहीं है। शहर के विभिन्न हिस्सों में मुख्य पाइप लाइन से लेकर छोटी लाइनों तक जगह-जगह पानी की लीकेज हो रही है। हजारों लीटर पानी व्यर्थ में बह रहा है लेकिन नगर निगम पानी की कमी का दोष जल आपूर्ति करने वाली परियोजनाओं पर लगा रहा है।
टैंकों में कम पहुंच रहा पानी
अफसर पानी की किल्लत के लिए कभी की मैन को दोषी ठहराते हैं तो कभी बिजली कट की समस्या बताते हैं, लेकिन असली खामी लीकेज की है। आइपीएच विभाग ने सरकार को पानी की जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें कहा गया है कि पूरा पानी निगम को दिया जा रहा है। लेकिन नगर निगम ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसमें कहा गया है कि पानी उनके टैंकों में कम पहुंच रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक आइपीएच विभाग रोजाना 35 से 42 एमएलडी पानी की लिफ्टिंग कर रहा है लेकिन निगम के पास पानी 30 से 39 एमएलडी तक ही पहुंच रहा है। यह पानी गुम्मा गिरी, चेड़ए चूरट और कोटी बराडी पेयजल योजना से आता है।