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न वेतन, न छुट्टी..मातृशक्ति काम में जुटी

घर में पूरा साल बिना वेतन व अवकाश परिवार के काम में जुटी रहने वाली हिमाचल की महिलाएं प्रदेश की जीडीपी में भी योगदान दे रही हैं। प्रदेश की जीडीपी में महिलाओं का योगदान 12.8 फीसद है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Apr 2018 07:13 PM (IST)Updated: Wed, 25 Apr 2018 07:13 PM (IST)
न वेतन, न छुट्टी..मातृशक्ति काम में जुटी

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला

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घर में पूरा साल बिना वेतन व अवकाश परिवार के काम में जुटी रहने वाली देवभूमि हिमाचल प्रदेश की महिलाओं का प्रदेश के वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 12.80 फीसद योगदान है। देश के जीडीपी में ऐसी घरेलू महिलाओं का योगदान मात्र 9.83 फीसद है। प्रदेश की आय में घरेलू महिलाओं का योगदान लगातार बढ़ रहा है।

हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है जहां आर्थिकी एवं सांख्यिकी विभाग ने बिना वेतन कार्य करने वाली घरेलू महिलाओं की आय व प्रदेश की आर्थिकी में उनके योगदान पर सर्वे किया है। सर्वे में घरेलू महिलाओं की बिना वेतन किए जा रहे कार्यो की कीमत 9479 रुपये मासिक आंकी गई है। प्रदेश के आर्थिकी एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा घरेलू महिलाओं के योगदान को आंकने के लिए सर्वे वर्ष 2015-16 में किया गया। इसके लिए घरेलू व शहरी क्षेत्र की महिलाओं के कार्यो को आंका गया। सर्वे में 80 फीसद ग्रामीण व 20 फीसद शहरी महिलाओं को शामिल किया गया। प्रदेश की आय में शहरी घरेलू महिलाओं की अपेक्षा कृषि कार्य में जुटी घरेलू महिलाओं का ज्यादा योगदान है। सर्वे में 15 वर्ष से अधिक आयु की युवतियों व महिलाओं का आकलन किया गया। ग्रामीण महिलाओं के कार्यो की कीमत ज्यादा

सर्वे के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में बिना वेतन घरेलू कार्य में लगी महिलाओं के कार्यो की कीमत ज्यादा जबकि शहरी घरेलू महिलाओं के कार्यो की कीमत कम आंकी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं शहरी क्षेत्रों की घरेलू महिलाओं से ज्यादा कार्य कर रही हैं। वे बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों के कार्यो के साथ खेतीबाड़ी व पशुपालन भी करती हैं। क्या है जीडीपी

जीडीपी में प्रदेश को होने वाली आय को शामिल किया जाता है। जीडीपी प्रदेश की आर्थिकी में मदद करती है। इसमें कृषि, बागवानी, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, बिजली उत्पादन, पर्यटन सहित अन्य क्षेत्रों से होने वाली आय को शामिल किया जाता है। आर्थिक कार्य,कार्य की कीमत,वार्षिक आय,प्रदेश की आय में योगदान

घरेलू कार्य,1714,4153,3.33

सिलाई कढ़ाई आदि,424,1026,0.82

अपने बच्चों को पढ़ाना,748,1814,1.46

कृषि कार्य,6593,8947,7.18

कुल9479,15939,12.80

(घरेलू महिलाओं का प्रदेश की आर्थिकी में योगदान में कार्य की कीमत रुपये मासिक में, वार्षिक आय करोड़ रुपये में। सिलाई कढ़ाई आदि जो परिवार के लिए की जा रही हो।) देश की घरेलू महिलाओं से अधिक है हिमाचल की घरेलू महिलाओं का योगदान

हिमाचल प्रदेश की 1,35,914 करोड़ रुपये की आय में से घरेलू महिलाओं के कार्यो की कीमत निकाली गई है। इसमें प्रदेश की आय में घरेलू महिलाओं का 12.80 फीसद योगदान है। यह योगदान देश की घरेलू महिलाओं से अधिक है।

प्रदीप चौहान, आर्थिक सलाहकार, आर्थिकी एवं सांख्यिकी विभाग


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