विश्व धरोहर बना ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क
-कालका-शिमला रेललाइन के बाद यह दूसरी धरोहर
-दोहा में यूनेस्को टीम की बैठक में मिला दर्जा
राज्य ब्यूरो, शिमला : ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को विश्व धरोहर का दर्जा मिल गया है। कुल्लू जिला के इस नेशनल पार्क पर यूनेस्को की विश्व धरोहर टीम ने मुहर लगाई है। 15 से 25 जून को कतर के दोहा में यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शिक्षण वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संघ) टीम की बैठक में विश्व के 32 प्रस्तावों पर मंथन हुआ है। कालका-शिमला रेलवे लाइन के बाद यह दूसरी धरोहर बन गई है, जिसे यह दर्जा मिला है। वर्ष 2012 के मार्च में यूनेस्को ने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को इसके लिए नामांकित किया था। इसके बाद संबंधित टीम ने डॉ. बॉरबाय के नेतृत्व में हिमाचल दौरे के लिए पहुंची और कई मामलों में नए सिरे से रिपोर्ट सौंपने को कहा। 22 नवंबर 2013 को मांगे गए हर पहलू पर राज्य सरकार ने इसे विश्व धरोहर घोषित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया। दोहा में हुई बैठक में इसके लिएवन विभाग के प्रधान मुख्य अरण्यपाल आरके गुप्ता ने प्रस्तुति दी।
90,540 हेक्टेयर में फैला है पार्क
यह पार्क 90,540 हेक्टेयर में फैला है। पार्क का 754.4 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र कोर जोन, 265.6 वर्ग किलोमीटर ईको जोन में व 61 वर्ग किलोमीटर तीर्थन वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी व 90 किलोमीटर वर्ग का क्षेत्र सैंज सेंक्चुअरी में आता है। पार्क 1171 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क का क्षेत्र बढ़ाने के लिए भी बायो स्फेयर जोन के तहत खीरगंगा, पिन वैली, कनावर सेंक्चुअरी एरिया को इसमें जोड़ने की योजना है। पार्क में पर्वत श्रृंखला रखुंडी टॉप, घुमतराओ, तीर्थन, पातल, मुझोणी, खोलीपोई, चादनीथाच आती हैं।
वन्य प्राणी की हैं कई प्रजातियां
पार्क में विभिन्न प्रजाति के वन्य प्राणी काला भालू, भूरा भालू, कस्तूरी मृग, बर्फीला तेंदुआ, घोरल के अतिरिक्त मुर्ग प्रजाति के अति दुर्लभ पक्षी जाजुराना व मोनाल, कोकलास सहित पशु-पक्षियों की कुल तीन सौ प्रजातियां पाई जाती हैं। तेंदुओं की भी यहां भरमार है। विभिन्न प्रजातियों के औषधीय पौधों की सुगंध यहां आने वालों को अपनी ओर आकर्षित करती है। नौ तरह के मेढ़क की भांति पानी और जमीन पर रहने वाले एम्फीबियंस का घरौंदा है।
12 तरह के सांप भी हैं यहां
पार्क में सांप की 12 और पक्षियों की तीन ऐसी प्रजातियां भी यहां पर हैं जो विश्व में खत्म होने के कगार पर हैं। इन्हें रेड डाटा बुक में विलुप्त प्राय: प्रजाति में घोषित किया जा चुका है।
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मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने इसके लिए यूनेस्को टीम का आभार जताया है। उन्होंने क हा है कि इससे पर्यटक और ज्यादा आकर्षित होंगे। यह राज्य में दूसरी ऐसी धरोहर है, जिसे विश्व धरोहर का दर्जा मिला है। हिमाचल विश्व मानचित्र पर और उभरेगा।
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'यूनेस्को ने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को विश्व धरोहर में शामिल कर लिया है। इस पार्क के किसी भी हिस्से को कम नही किया गया है। पूरी दुनिया के प्रस्तावों में से हिमाचल प्रदेश से भी इस पार्क का प्रस्ताव था। हमने विश्व धरोहर बनाने के लिए प्रस्ताव में हर आवश्यकता को पूरा किया। यह हर्ष की बात है।'
-तरुण श्रीधर, प्रधान सचिव वन हिमाचल प्रदेश