108 एंबुलेंस में अब विभाग का प्रशिक्षित स्टाफ तैनात
कोरोना के संभावित मरीजों की संख्या बढ़ने पर सरकार ने प्रोटोकाल बदल दिया है।
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला
कोरोना के संभावित मरीजों को 108 एंबुलेंस में लाने के लिए सरकार ने प्रोटोकाल बदल दिया है। यह प्रोटोकाल संभावितों की संख्या बढ़ने और 108 सेवा देने वाली कंपनी की ओर से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और पूरे शरीर को ढकने वाली ड्रेस के न होने से हाथ खड़े करने के बाद बदला है। अब स्टेट नोडल अधिकारी से संभावित मरीज को लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग का प्रशिक्षित स्टाफ ही एंबुलेंस में जा रहा है।
नए निर्देश के तहत यदि कोई व्यक्ति 108 नंबर पर फोन कर स्वयं को संभावित मरीज मानकर फोन करता है तो तीन स्तरीय प्रक्रिया के बाद ही उसे 108 एंबुलेंस में पूरे सुरक्षा मानकों के तहत लाया जा रहा है।
कोरोना संभावितों को लाने के लिए पहले अलग से एक-एक एंबुलेंस रखी थी, लेकिन अब किसी भी 108 में ऐसे लोगों को लाया जा रह है। एंबुलेंस के लिए फोन आने पर संबंधित जिले के लिए नियुक्त कार्यक्रम अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारी या चिकित्सक अधीक्षक उक्त व्यक्ति से बात कर पूरा डाटा लेते हैं। इसके बाद स्टेट नोडल अधिकारी से बात कर उनकी संतुष्ट होने और संभावित लगने पर जो भी एंबुलेंस नजदीक में उपलब्ध होती है उसमें स्वास्थ्य विभाग का प्रशिक्षित स्टाफ उसे अस्पताल के आइसोलेशन में लाते हैं।
संक्रमित के संपर्क में आने वालों का भी टेस्ट
कोरोना के संभावित मरीजों को अस्पतालों में आइसोलेशन में रखा गया है। इन सभी के टेस्ट भी नहीं किए जा रहे थे। अब टेस्ट का प्रोटोकॉल भी बदल दिया है। अब संभावितों के टेस्ट करने के अलावा जो संक्रमित पाए गए हैं, उनके संपर्क में आने वालों के भी टेस्ट करवाने का प्रावधान किया है। --------
108 एंबुलेंस सेवा प्रदान करने वालों ने पीपीई न होने पर सरकार से उपलब्ध करवाने को कहा था। पीपीई कम तादाद में हैं और इसे देख स्वास्थ्य विभाग का प्रशिक्षित स्टाफ ही कोरोना संभावितों को ला रहा है। इसके लिए भी प्रोटोकाल बनाया गया है।
-आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य