1000 शिक्षकों, गैरशिक्षकों के पास मानव भारती की डिग्रियां
मानव भारती विश्वविद्यालय में डिग्री फर्जीवाडे़ की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। 1000 शिक्षक व गैरशिक्षकों की डिग्रियां जांच के दायरे में आ गई हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला : मानव भारती विश्वविद्यालय में डिग्री फर्जीवाडे़ की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। राजस्थान के माउंटआबू में हिमाचल पुलिस के विशेष जांच दल (एसआइटी) की रेड वीरवार को दूसरे दिन भी जारी रही। कई अहम दस्तावेज कब्जे में लिए गए हैं।
माउंटआबू स्थित माधव विश्वविद्यालय के एक हजार से अधिक शिक्षकों, गैर शिक्षकों की डिग्रियां जांच के दायरे में आ गई हैं। इनकी ज्यादातर डिग्रियां सोलन के मानव भारती विश्वविद्यालय की निकली हैं। जांच में ये फर्जी पाई जा रही हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की गाइडलाइन पूरी करने के लिए स्टाफ को उच्च शिक्षा से जुड़ी डिग्रियां बांट देता था। एसआइटी ने वीरवार को कई ब्रांचों, भवनों में रिकॉर्ड खंगाला। कई दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। अभी तक जो तथ्य सामने आए हैं, उससे पता चला है कि राजस्थान के विश्वविद्यालय स्टाफ को मानव भारती और मानव भारती सोलन के स्टाफ को माधव विश्वविद्यालय की डिग्रियां दी गई हैं। फाइलों में दर्ज रिकॉर्ड से इसकी पुष्टि हो रही है। अगर कोई शिकायत करता भी था तो उसे रसूख के दम पर दबा लिया जाता था। हालत यह है कि फर्जी डिग्रियों के सहारे पात्र व्यक्तियों का नौकरी पाने का हक छीना गया।
पुलिस टीम के साथ मुख्य आरोपित राजकुमार राणा भी है। उससे रिकॉर्ड की शिनाख्त करवाई जा रही है। हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया है। अभी वह पुलिस रिमांड पर चल रहा है।
-----------
दाखिलों, डिग्रियों का करेंगे मिलान
पुलिस ने दाखिलों, अवार्ड की गई डिग्रियों का रिकॉर्ड कब्जे में लिया है। इसका मिलान किया जाएगा। यहां 1500 के आसपास नियमित दाखिले हुए हैं। विदेशी छात्र भी पढ़ाई कर रहे हैं।
--------------
दो दिन से माधव विश्वविद्यालय में सर्च रेड की गई है। कई अहम दस्तावेज, रिकॉर्ड कब्जे में लिया है। यहां के स्टाफ को सोलन के मानव भारती की जाली डिग्रियां दी गई हैं। वहां के स्टाफ के पास माधव विवि की डिग्रियां पाई गई हैं। फर्जीवाड़ा काफी बड़ा है, इसकी अभी जांच और तेज होगी।
-रमेश शर्मा, डीएसपी एवं सदस्य एसआइटी हिमाचल पुलिस।