सीपीडब्ल्यूडी ने बिजली-पानी कटने के डर से जमा करवाए 10 लाख
नगर निगम शिमला की केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) पर कार्रवाई करने की तैयारी काम आ गई।
जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम शिमला की केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) पर कार्रवाई करने की तैयारी आखिर काम आ ही गई। निगम ने सीपीडब्ल्यूडी को कूड़े से लेकर टैक्स का बिल समय पर न देने पर कार्रवाई करने का फैसला लिया था। इसके तहत निगम ने फैसला लिया था कि बिजली व पानी काटा जाए। इस पर निगम प्रसासन ने नोटिस तैयार भी कर लिया था। इसी बीच सीपीडब्ल्यूडी ने निगम को 10 लाख जमा रुपये करवा दिए हैं।
नगर निगम को 2016 से लगातार कूड़े का बिल नहीं दिया जा रहा था। इस पर निगम लगातार ये मामला केंद्रीय कार्यालय के अधिकारियों के समक्ष उठा रहा था, लेकिन उस समय से तर्क दिया जा रहा था कि वे इस दायरे में नहीं आते हैं। इस पर निगम ने लंबी कसरत के बाद नोटिस तैयार कर दिया है।
उधर, निगम के अधिकारियों का मानना है कि देय राशि काफी ज्यादा है। ऐसे में 10 लाख जमा करवाने से कोई राहत नहीं दी जा सकती है। सूत्रों की मानें तो निगम की ओर से अगले तीन से चार दिन में नोटिस भेजा जा सकता है। नगर निगम के संयुक्त आयुक्त अजीत भारद्वाज ने कहा कि कूड़े का बिल न देने पर निगम के हाउस से पास प्रस्ताव के मुताबिक ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 3.40 करोड़ है बकाया राशि
नगर निगम ने सीपीडब्ल्यूडी से 3.40 करोड़ की राशि लेनी है। केंद्रीय विभाग के कार्यालय से 2016 से कूड़े का बिल नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए विभिन्न तरह के तर्क देकर मामले को टाल दिया जाता था। निगम ने नोटिस देने के साथ कॉलोनी पर भी कार्रवाई करने की तैयारी थी, लेकिन पार्षदों ने आम जनता को परेशानी न हो, इसलिए फिलहाल कॉलोनी में कार्रवाई न करने की बात कही थी। कानूनी राय लेने के बाद तैयार किया है नोटिस
नगर निगम शिमला ने नोटिस जारी करने से पहले सभी कानूनी पहलुओं को खंगाल लिया है। इसके लिए निगम के अतिरिक्त आयुक्त विधि से सलाह भी ली गई है।