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खतरे के निशान तक पहुंचा पौंग बांध का जलस्तर

ब्यास व ऊहल नदी के कैचमेंट क्षेत्र में तीन दिन तक हुई मूसलाधार बारिश से पौंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। पानी की निकासी के लिए बांध के गेट कभी भी खोले जा सकते हैं। बीबीएमबी प्रबंधन ने करीब 49,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का खाका तैयार किया है। पौंग बांध का अवाह क्षेत्र करीब 12560 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। बांध की अधिकतम भंडारण क्षमता 1390 फुट है। मंगलवार दोपहर बाद तक जलस्तर 13

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 06:40 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 06:40 PM (IST)
खतरे के निशान तक पहुंचा पौंग बांध का जलस्तर
खतरे के निशान तक पहुंचा पौंग बांध का जलस्तर

जागरण संवाददाता, मंडी : ब्यास व ऊहल नदी के कैचमेंट क्षेत्र में तीन दिन तक हुई मूसलधार बारिश से पौंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। पानी की निकासी के लिए बांध के गेट कभी भी खोले जा सकते हैं। बीबीएमबी प्रबंधन ने करीब 49,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का खाका तैयार किया है। पौंग बांध का अवाह क्षेत्र करीब 12560 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। बांध की अधिकतम भंडारण क्षमता 1390 फुट है। मंगलवार दोपहर बाद तक जलस्तर 1388 फुट का आंकड़ा पार कर गया था। बीबीएमबी प्रबंधन ने सोमवार को ही बांध से किसी भी समय पानी छोड़ने की चेतावनी दी थी। ब्यास नदी में पानी की आवक सोमवार रात 1.16 लाख क्यूसेक तक पहुंच गई थी। इससे पहले 2005 में सितंबर में पानी की इतनी आवक रिकॉर्ड की गई थी। बीबीएमबी ने सोमवार सुबह फ्ल¨शग के लिए पंडोह बांध के पांचों गेट खोल दिए थे। इससे 990 मेगावाट क्षमता के डैहर पावर हाउस में 11 बजे से बिजली उत्पादन बंद हो गया था। मंगलवार दोपहर बाद फ्ल¨शग यानी गाद निकासी का काम पूरा होने के बाद पंडोह बांध के पांचों गेट बंद कर सुंदरनगर नहर के लिए पानी की सप्लाई बहाल कर दी गई। शाम चार बजे 28 घंटे बाद दोबारा डैहर पावर हाउस में बिजली उत्पादन शुरू होने से बीबीएमबी ने राहत की सांस ली है।

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ब्यास में अब भी पानी की आवक 68,000 क्यूसेक के आसपास बनी हुई है। बाढ़ से ब्यास में गाद की मात्रा 5000 पीपीएम का आंकड़ा पार कर गई है। इससे राज्य विद्युत परिषद के 126 मेगवाट के लारजी पनविद्युत प्रोजेक्ट में 62 घंटे से बिजली उत्पादन बंद हैं। इससे परिषद को अब तक लाखों रुपये का नुकसान हो चुका है।

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पंडोह बांध में फ्ल¨शग का कार्य पूरा कर लिया गया है। डैहर पावर हाउस को पानी की सप्लाई बहाल कर दी गई है। ब्यास में पानी की आवक अब भी 68000 क्यूसेक के आसपास बनी हुई है।

राजेश हांडा, अधिशाषी अभियंता बीबीएमबी पंडोह बांध


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