लेह व द्रास में फंसे 40 ट्रक चालक 18 दिन बाद घर पहुंचे
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जागरण संवाददाता, मंडी : जम्मू-कश्मीर के लेह व द्रास में बर्फबारी में फंसे मंडी जिले के 40 ट्रक चालक 18 दिन बाद सकुशल घर पहुंच गए हैं। इससे परिजनों ने राहत की सांस ली है। ट्रक चालकों ने लाहुल-स्पीति प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया है। ट्रक चालकों का कहना है कि जिला प्रशासन ने अगर बीआरओ से बारालाचा दर्रा बहाल करवाने में हिम्मत दिखाई होती तो उन्हें 18 दिन बर्फबारी में नहीं गुजारना पड़ते। ट्रक चालक सेना की रसद लेकर लेह गए थे। सामान उतारने के बाद वह पहली नवंबर को लेह से केलंग मनाली होकर मंडी आ रहे थे। बर्फबारी के कारण बारालाचा दर्रा बंद होने से सभी ट्रक चालक उपसी में रुक गए थे। लाहुल-स्पीति प्रशासन व बीआरओ ने मार्ग बहाल करने का आश्वासन दिया था। एक सप्ताह तक ट्रक चालक बारालाचा दर्रा बहाल होने का इंतजार करते रहे, लेकिन न तो बीआरओ और न ही लाहुल-स्पीति प्रशासन ने दर्रा बहाल करने में कोई दिलचस्पी दिखाई। सप्ताह भर बाद ट्रक चालक उपसी से श्रीनगर के लिए रवाना हुए। आठ नंवबर को दोबारा बर्फबारी होने से ट्रक द्रास में फंस गए थे। चालकों के पास राशन पानी खत्म हो गया था। हालांकि कारगिल प्रशासन ने उन्हें राशन उपलब्ध करवाने की कोशिश भी की। एक-एक चालक को मात्र 200-200 ग्राम चावल दिए गए। उससे एक दिन का गुजारा करना भी संभव नहीं था। राशन न मिलने पर चालकों ने द्रास में धरना-प्रदर्शन भी किया था। 19 नवंबर को मार्ग बहाल होते ही ट्रक चालक श्रीनगर से जम्मू होते हुए घर पहुंच गए।
उधर, सेना की रसद लेकर जा रहे 40 ट्रक अब भी सोनमर्ग में 11 दिन से खड़े हुए हैं। इन ट्रकों ने 25 अक्टूबर से सामान लोड है। अभी इन्हें कारगिल प्रशासन की तरफ से लेह जाने की मंजूरी नहीं मिली है। यह ट्रक मनाली होकर लेह जा रहे थे। वहीं 20 ट्रक पहली नवंबर को कोठी व 25 ट्रक केलंग में फंस गए थे। करीब सप्ताह भर बाद मार्ग बहाल न होने पर ट्रक पठानकोट से जम्मू होकर लेह के लिए रवाना हुए थे। जेएस कार्गो मुवर के प्रबंध निदेशक सर्वजीत ¨सह ने कारगिल प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि ऐसी हिम्मत लाहुल-स्पीति प्रशासन ने दिखाई होती तो ट्रक चालकों को 18 दिन बर्फ में नहीं गुजारना पड़ते न ही उनके परिजन परेशान होते।