डोयढा व जाड़ के जंगल में हरे पेड़ों पर चलाई कुल्हाड़ी
चला कर कहर बरपाया है। वन काटुओं ने बल्ह घाटी के बीचों बीच डोयडा जंगल में घुस कर वहां पेड़ों को काट कर जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है वहीं वन विभाग को भी लाखों की चपत लगाई है। शिकायत मिलने के बाद वन विभाग ने फील्ड स्टाफ को जंगल में वन संपदा को पहुंचे नुकसान का आकलन करने के निर्देश जारी किए हैं। बल्ह घाटी के बीच से बहने वाली सुकेती खड्ड के साथ सटे डो
संवाद सहयोगी, मंडी : बल्ह घाटी के डीपीएफ डोयढा व जाड़ में वन काटुओं ने वन संपदा पर कुल्हाड़ी चला कर कहर बरपाया है। वन काटु घाटी के बीचोबीच स्थित इन दोनों जंगलों में हरे पेड़ों पर कई दिनों से कुल्हाड़ी चला रहे हैं। दोनों जंगलों में कई माह से वन रक्षक नहीं है। अब तक दोनों जंगलों से सैकड़ों पेड़ गायब हो चुके हैं। वन विभाग को अब तक लाखों की चपत लग चुकी है। शिकायत मिलने के बाद वन विभाग ने फील्ड स्टाफ को जंगल में वन संपदा को पहुंचे नुकसान का आकलन करने के निर्देश जारी किए हैं।
बल्ह घाटी के बीच से बहने वाली सुकेती खड्ड के साथ सटे डोयढ़ा जंगल सुकेत वन मंडल के अधीन आता है। कुम्मी पंचायत के तहत आने वाले इस जंगल में विभाग की नर्सरी में पौधे तैयार किए जाते हैं। नर्सरी में वन मजदूर तैनात रहते हैं। लेकिन वन काटुओं ने नर्सरी में कार्यरत मजदूरों को भी इसकी भनक तक नहीं लगने दी। आशंका जताई जा रही है कि वन काटुओं ने रात के अंधेरे में वन संपदा पर कुल्हाड़ी चला कर इमारती लकड़ी को ठिकाने लगाया है। दिन में डोयढा जंगल में कुल्हाड़ी चलाकर वन संपदा को ठिकाने लगाना आसान नहीं है। जंगल से बाहर निकलते ही सघन आबादी वाले गांव हैं। डोयढा व जाड़ जंगल के साथ सटे गांवों के लोगों का दिनभर आवागमन रहता है। सर्दी के सीजन में क्षेत्र में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है यह भी आशंका जताई जा रही है कि वन काटुओं ने बालन के लिए पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई है। घाटी में आत्यधिक धुंध पड़ने का भी वन काटू फायदा उठा रहे हैं।
वन विभाग के बीओ वीरेंद्र कुमार का कहना है डोयढा जंगल में पेड़ काटने की सूचना विभाग को मिली है। फील्ड स्टाफ ने जंगल का निरीक्षण किया है, जांच जारी है।