जेबीटी भर्ती के नियमों में हुआ ये अहम बदलाव, अभ्यार्थियों को मिली राहत
याचिकाकर्ता ने टेट मेरिट से की जा रही भर्ती के खिलाफ प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के समक्ष याचिका दायर की थी, लेकिन ट्रिब्यूनल ने अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया था।
मंडी, संवाद सहयोगी। जेबीटी भर्ती अब टेट मेरिट के आधार पर नहीं होगी। प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने जेबीटी के आरएंडपी क्लॉज-15 को निरस्त कर दिया है। ट्रिब्यूनल के चेयरमैन न्यायाधीश बीके शर्मा व सदस्य प्रेम कुमार शर्मा की खंडपीठ ने फैसला सुनाकर प्रदेश के हजारों जेबीटी अभ्यर्थियों को राहत प्रदान की है। याचिका में दलील दी गई थी कि टेट मेरिट से जेबीटी भर्ती करना कानूनन गलत है।
याचिकाकर्ता ने टेट मेरिट से की जा रही भर्ती के खिलाफ प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के समक्ष याचिका दायर की थी, लेकिन ट्रिब्यूनल ने अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया था। इस पर प्रार्थी ने ट्रिब्यूनल के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 27 जुलाई को मामले की सुनवाई करते हुए ट्रिब्यूनल को जल्द निपटारा करने के आदेश दिए थे।
ट्रिब्यूनल में उक्त मामले की सुनवाई बीते नौ अगस्त को हुई थी, जिसमें ट्रिब्यूनल ने उक्त मामले को सही ठहराया था। कुछ साल से प्रदेश में जेबीटी भर्ती में टेट को ही वरीयता दी जा रही थी। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में ही टीजीटी सहित सीएंडवी शिक्षकों की भर्ती 50 फीसद बैच व 50 फीसद कमीशन के माध्यम से की जा रही है, पर जेबीटी भर्ती में अलग नियम अपनाए जा रहे थे। वर्तमान में प्रदेश में जेबीटी के 700 पद भरे जा रहे हैं। टेट पास जेबीटी बेरोजगार संघ के प्रदेशाध्यक्ष राकेश कतनौरिया ने फैसले का स्वागत करते हुए प्रारंभिक शिक्षा विभाग से आग्रह किया है कि जेबीटी के स्वीकृत 700 पदों को संशोधित आरएंडपी के तहत जल्द भरा जाए।
पहले यह था नियम
आरएंडपी नियमों के तहत पहले जेबीटी भर्ती पूरी तरह से टेट मेरिट के आधार पर की जाती थी। टेट में मेरिट वालों को नियुक्ति दी जाती थी, लेकिन प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने आरएंडपी में अंकित क्लॉज-15 को निरस्त कर दिया।
ट्रिब्यूनल ने जेबीटी के आरएंडपी क्लॉज-15 को निरस्त कर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। प्रदेश के हजारों जेबीटी अभ्यर्थियों को राहत मिली है। टेट मेरिट के विरोध में लंबे समय से संघर्षरत थे, जिस पर ट्रिब्यूनल ने हमारी मांग को सही ठहराया है।
-राकेश कश्यप, जेबीटी बेरोजगार संघ वरिष्ठ उपप्रधान एवं याचिकाकर्ता।
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